Millets 2023: किसानों के लिए खुशखबरी! 12 जनवरी तक MSP पर बेच सकते हैं ये मोटा अनाज, प्रति क्विंटल मिलेंगे इतने दाम
Bajra MSP: यूपी में पहली बार MSP पर बाजरा की खरीद हो रही है. किसानों की सहूलियत के लिए बाजरा की सरकारी खरीद के लिए 15 दिन की मौहलत और बढ़ा दी है. किसान 12 जनवरी तक सरकार को बाजरा बेच सकते हैं.
Bajra Marketing: पूरी दुनिया इस साल को अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 के रूप में मना रही है. भारत मोटे अनाजों का सबसे बड़ा उत्पादक है. यहां के किसान बड़े पैमाने पर ज्वार, बाजरा, रागी, मडुवा, सावां, कोदों, कुटकी, कंगनी, चीना का उत्पादन ले रहे हैं. सरकार भी किसानों को इन मोटे अनाजों के सही दाम दिलवाने के लिए लगातार प्रयासरत है. कई राज्यों में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मोटे अनाजों की सरकारी खरीद की जाती है, जिससे कि किसानों को भी मुनाफा मिल सके. पहली बार उत्तर प्रदेश ने भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बाजरा की खरीद चालू कर दी है.
अच्छी बात तो यह है कि किसानों की सहूलियत के लिए यूपी सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर बाजरा की खरीद की अवधि को अब 15 दिन आगे बढ़ा दिया है यानी अब कड़कड़ाती ठंड में आराम से बिना किसी चिंता के किसान 12 जनवरी तक अपना बाजरा सरकार का बेच सकते हैं.
यूपी में चल रही बाजरा की खरीद
जानकारी के लिए बता दें कि उत्तर प्रदेश के करीब 18 जिलों में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बाजरा की खरीद जारी है, जिसके लिए सरकार ने 106 क्रय केंद्र बनाए हैं. आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, मैनपुरी, अलीगढ़, कासगंज, हाथरस, एटा, बरेली, बदायूं, संभल, बुलंदशहर, कानपुर देहात, औरैया, इटावा, जालौन, प्रयागराज और गाजीपुर जिलों की मंडियों से बाजरा की खरीद का लक्ष्य 50000 मीट्रिक टन निर्धारित किया गया था, जिसे सापेक्ष में 42.95 हजार मीट्रिक टन बाजरा खरीदा जा चुका है. राज्य सरकार ने बाजरा बेचने की अवधि को 15 दिन बढ़ा दिया है, जिसमें लक्ष्य पूरा होने की प्रबल संभावनाएं हैं.
हजारों किसानों ने बेचा बाजरा
खरीफ मार्केटिंग सीजन 2022-23 के दौरान खाद एवं रसद विभाग की विपणन शाखा ने बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2350 प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है. करीब 8,452 किसानों ने एमएसपी पर ही अपनी बाजरा की उपज बेची है, जिसकी एवज में किसानों के बैंक खातों में 90.15 करोड़ रुपये का भुगतान ट्रांसफर किया गया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से उत्तर प्रदेश के खाद्य आयुक्त सौरव बाबू बताते हैं कि ज्यादा से ज्यादा किसानों को मूल्य समर्थन योजना का लाभ मिल सके, इसलिए सरकार ने किसानों के हित में बाजरा की खरीद की अवधि को 12 जनवरी तक यानी 15 दिनों के लिए बढ़ा दिया गया है. पिछले साल यूपी के किसानों ने करीब 10 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में बाजरा की बुवाई की थी.
मक्का भी एमएसपी पर खरीदा
खरीफ मार्केटिंग सीजन 2023 के दौरान मक्का को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा गया है. यह मक्का की खरीद का पांचवा वर्ष था, जिसमें किसानों ने 1,962 रुपये प्रति क्विंटल की दर से मक्का खरीदा है. इस साल मक्का का बाजार मूल्य भी काफी अच्छा रहेगा, लेकिन किसानों ने न्यूनतम समर्थन मू्ल्य पर मक्का को बेचने में रुचि दिखाई. कई बार बाजार मूल्य के अधिक होने पर भी सरकारी खरीद का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाता.
एमएसपी पर धान खरीद भी जारी
खरीफ मार्केटिंग सीजन 2022-23 के तहत उत्तर प्रदेश में धान की खरीद के लिए 4431 क्रय केंद्रों की स्थापना की है, जहां से 70 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद का लक्ष्य तय हुआ है, हालांकि अभी राज्य निर्धारित लक्ष्य से काफी पीछे है. राज्य में करीब 42.52 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है. इस मामले में उत्तर प्रदेश के खाद्य आयुक्त सौरव बाबू बताते हैं कि 6.74 लाख किसानों से लक्ष्य का 61 फीसदी धान खरीदा जा चुका है.
पिछले साल इस अवधि तक राज्य सरकार ने 42.38 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा था. वहीं इस साल किसानों के बैंक खाते में 6,969 करोड़ रुपये का पेमेंट ट्रांसफर किया जा चुका है. आपको बता दें कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 31 जनवरी 2023 और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 28 फरवरी 2023 तक धान की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जाएगी.
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