दुनियाभर में आज भी करोड़ों लोग दासों जैसा जीवन जीने को मजबूर हैं.



मानवाधिकार संगठन 'वॉक फ्री फाउंडेशन' की स्टडी के मुताबिक, 5 करोड़ लोग आधुनिक दासता के शिकार हैं.



दुनिया में पिछले 5 वर्षों में आधुनिक दासता में रहने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है.



चौंकाने वाली बात ये भी है कि दुनिया के 20 सबसे अमीर देशों की आधी आबादी आधुनिक दासता की शिकार है.



वॉक फ्री फाउंडेशन ने आधुनिक गुलामी का इंडेक्स साझा करते हुए बताया कि 5 साल में 1 करोड़ से अधिक लोग दासता के चंगुल में फंसे हैं.



जिन देशों में आधुनिक गुलामी बढ़ी है, उनमें भारत (1.1 करोड़) सबसे उूपर है.



भारत के बाद चीन (58 लाख), रूस (19 लाख), इंडोनेशिया (18 लाख), तुर्की (13 लाख) और अमेरिका (11 लाख) का स्थान है.



ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले पांच वर्षों में आधुनिक दासता से पीड़ित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है.



आधुनिक दासता का चलन उत्तर कोरिया, इरीट्रिया और मौरितानिया में सबसे अधिक बढ़ा है.



क्या है आधुनिक दासता?
आधुनिक दासता का तात्पर्य जबरन श्रम, कर्ज देकर चंगुल में फंसाने, या जबरन विवाह करने जैसी प्रथाओं से है.