इस्लामिक मुल्क ईरान ने 2,000 KM रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल बनाई है.



ईरानी सरकार का दावा है कि ये मिसाइल अमेरिका-इजराइल के ठिकानों तक मार कर सकती है.



इस मिसाइल को फारस की खाड़ी में युद्धपोतों पर तैनात किया जाएगा.



इस तस्वीर में ईरान की बैलिस्टिक मिसाइल नजर आ रही है, जो 2 हजार किमी तक मार करेगी.



अमेरिका के लगातार विरोध के बाद भी ईरान ने कहा है कि हम अपना मिसाइल प्रोग्राम जारी रखेंगे.



ईरान के रक्षा मंत्री मोहम्मदरेजा अश्तियानी ने कहा- ये हमारे दुश्मनों के लिए संदेश है कि हम हर हाल में अपनी रक्षा करेंगे.



ईरान की स्टेट न्यूज एजेंसी IRNA ने बताया कि खैबर नाम की ये मिसाइल 1500Kg का वॉरहेड ले जाने में सक्षम है.



ईरानी नेवी ने कहा कि यह मिसाइल अमेरिका की टॉमहॉक से भी ज्यादा दूरी तक मार करने में सक्षम है.



ईरान पहाड़ी इलाके में चुपचाप परमाणु हथियार भी बना रहा है. हाल में उसकी लॉकेशन लीक हो गई थी.



ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने के लिए उसकी न्यूक्लियर फैसिलिटी पर कई बार हमले हुए हैं.



ईरान पिछने 22 साल से एटमी ताकत हासिल करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अमेरिका ने उसे सफल नहीं होने दिया.



अमेरिका और इजराइल को लगता है कि अगर ईरान ने परमाणु हथियार बना लिए तो दुनिया को खतरा पैदा हो जाएगा.



ईरान को रोकने के लिए UN सिक्योरिटी काउंसिल, यूरोपीय यूनियन और अमेरिका ने 2010 में कई पाबंदियां लगाईं.



ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने के लिए 2015 में भी एक डील की गई. जिसमें ईरान, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, जर्मनी, रूस और अमेरिका शामिल हुए.



डील में तय किया गया था कि ईरान समय-समय पर अपने न्यूक्लियर रिएक्टर्स की जांच UN से कराएगा और अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम को और आगे नहीं बढ़ाएगा.



मगर, 2018 में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने उस डील से अमेरिका को बाहर कर लिया. नतीजा ये हुआ कि ईरान पर फिर पाबंदियां लगा दी गईं.



न्यूक्लियर डील खत्म होने के बाद से ईरान फिर परमाणु हथियार बनाने में जुट गया.