ठग खुद को पुलिस या कस्टम अधिकारी बताकर फोन करते हैं और आप पर ड्रग्स या मनी लॉन्ड्रिंग जैसे अपराधों में शामिल होने का आरोप लगाते हैं. फिर नकली वीडियो कॉल करके आपको डराकर मोटी रकम ऑनलाइन ट्रांसफर करवा लेते हैं.
आपको बैंक या कंपनी के नाम से एक मैसेज आता है जिसमें कहा जाता है कि आपकी केवाईसी अधूरी है. फिर एक लिंक भेजकर आपसे डिटेल भरवाई जाती है और डिटेल्स भरते ही आपका खाता साफ कर दिया जाता है.
घर बैठे काम या बेहतर नौकरी की तलाश में लगे लोगों को फर्जी जॉब ऑफर भेजे जाते हैं. आवेदन लिंक पर क्लिक करने के बाद वे जॉइनिंग फीस या वेरिफिकेशन के नाम पर पैसे मांगते हैं और फिर गायब हो जाते हैं.
पहले दोस्ती करते हैं और फिर कहते हैं कि उन्होंने विदेश से गिफ्ट भेजा है. कुछ दिन बाद कस्टम अधिकारी बनकर कॉल आता है और ड्यूटी के नाम पर पैसे मांगे जाते हैं.
सोशल मीडिया पर फर्जी स्कीम या क्रिप्टो में इन्वेस्टमेंट के नाम पर ठग मुनाफे का लालच देते हैं. शुरुआती लाभ दिखाकर लोगों से बड़ी रकम निवेश करवा लेते हैं और फिर गायब हो जाते हैं.
बिना कागज़ी कार्रवाई के तुरंत लोन या क्रेडिट कार्ड देने का दावा किया जाता है. फिर प्रोसेसिंग फीस, इंश्योरेंस या अन्य शुल्क के नाम पर पैसे लिए जाते हैं और बाद में संपर्क तोड़ दिया जाता है.
ठग वीडियो कॉल करते हैं जिसमें अश्लील दृश्य होते हैं. फिर उस कॉल की रिकॉर्डिंग दिखाकर सीबीआई या पुलिस अधिकारी बनकर डराते हैं और मामला दबाने के बदले पैसे मांगते हैं.
ठग सरकारी विभाग या कंपनियों के हेल्पलाइन नंबर गूगल पर हैक कर लेते हैं. जब कोई मदद के लिए कॉल करता है, तो वे फर्जी लिंक भेजकर उसके सिस्टम या बैंक अकाउंट पर कब्जा जमा लेते हैं.