YouTube पर कमाई मुख्य रूप से विज्ञापनों (Ads) के माध्यम से होती है जिसे CPM (Cost Per Mille) और RPM (Revenue Per Mille) द्वारा मापा जाता है.

Published by: एबीपी टेक डेस्क
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CPM यह दर्शाता है कि ऐड्स 1000 विज्ञापन दिखाने के लिए कितना भुगतान कर रहा है. वहीं, RPM यह दर्शाता है कि YouTube क्रिएटर को 1000 व्यूज पर कितनी कमाई हो रही है.

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भारत में CPM ₹20 से ₹150 तक हो सकता है. क्रिएटर को कुल CPM का लगभग 55% हिस्सा (RPM ₹10 से ₹80) मिलता है. इसलिए, 1000 व्यूज पर ₹10 से ₹80 तक की कमाई हो सकती है.

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टेक, फाइनेंस, हेल्थ, बिजनेस जैसे टॉपिक्स का CPM अधिक होता है. एंटरटेनमेंट और व्लॉगिंग का CPM कम होता है.

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अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में CPM ₹200-₹800 तक हो सकता है. भारत और अन्य एशियाई देशों में CPM अपेक्षाकृत कम होता है.

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लॉन्ग वीडियो (8 मिनट से अधिक) में मिड-रोल एड्स लग सकते हैं जिससे ज्यादा कमाई होती है.

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YouTube Shorts की कमाई CPM के बजाय Shorts Fund और विज्ञापनों से होती है.

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यदि कोई यूजर Ad Blocker का उपयोग करता है तो उस व्यू से कोई कमाई नहीं होती. नॉन-मॉनिटाइज्ड व्यूज़ भी कमाई में नहीं जुड़ते.

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विज्ञापनों के अलावा, चैनल मेंबरशिप, ब्रांड डील्स और स्पॉन्सरशिप से भी कमाई हो सकती है जिससे आमदनी बढ़ती है.

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YouTube Shorts में विज्ञापन कम होते हैं, इसलिए 1000 व्यूज पर ₹0.1 से ₹5 की कमाई हो सकती है. लॉन्ग वीडियो में ₹10 से ₹80 तक मिल सकते हैं.

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