इस दिन काले या नीले रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है.
और मन को स्थिरता देता है. श्रद्धा जितनी गहरी होगी, फल उतना ही शुभ होगा.
चाहें तो परिक्रमा करते समय पीपल के चारों ओर कच्चा सूत भी लपेटें.
यदि संभव हो तो पंचामृत से उनका अभिषेक करें. यह पूजा मन को शुद्ध और ऊर्जा को सकारात्मक बनाती है.
मंत्र-जाप मन को शांत करता है और शनि दोष को भी कम करने में सहायक होता है.
दीपक का प्रकाश नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और जीवन में स्थिरता लाता है.
तिल, उड़द, काला वस्त्र या तेल का दान विशेष रूप से फलदायी होता है. शनि देव न्याय और करुणा दोनों के प्रतीक हैं, इसलिए दान का महत्व और बढ़ जाता है.
यह पूजा व्यक्ति को कर्मठ, अनुशासित और आत्मविश्वासी बनाती है.
यह व्रत मन, शरीर और कर्म – तीनों को संतुलन देता है और जीवन को सही दिशा में आगे बढ़ाता है.