किताब में मोर पंख रखना एक पुरानी और लोकप्रिय मान्यता है. माना जाता है कि यह मानसिक शांति, एकाग्रता और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है,

जिससे पढ़ाई में मन लगने लगता है.

Published by: कहकशां परवीन
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मोर पंख को भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय माना गया है और इसे ज्ञान की देवी मां सरस्वती का भी प्रतीक समझा जाता है.

इसलिए इसे किताब में रखने से विद्यार्थियों को आशीर्वाद मिलने का विश्वास है.

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मोर पंख किताबों में रखने से कोई किस्मत नहीं बदलती है. लेकिन यह विद्यार्थियों के लिए शुभ माना जाता है.

यह मन को स्थिर करता है, एकाग्रता बढ़ाता है.

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यह मान्यता है कि मोर पंख पास रखने से दिमाग शांत रहता है, ध्यान बढ़ता है

और पढ़ी हुई बातों को याद रखने की क्षमता बेहतर होती है.

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मोर पंख को सकारात्मक ऊर्जा का वाहक माना गया है. इसे रखने से मन से नकारात्मकता दूर होने

और वातावरण में शुद्धता आने की धारणा है.

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लोग मानते हैं कि मोर पंख बुरी नजर व तंत्र-मंत्र के प्रभाव से बचाता है,

जिससे पढ़ाई में आने वाली बाधाएं कम होती हैं.

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परीक्षा या किसी भी अध्ययन-संबंधी कार्य में डर व घबराहट कम करने तथा

आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए भी मोर पंख को शुभ माना जाता है.

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किताब में वही पंख रखें जो पूरी तरह से साबुत, साफ और अच्छी अवस्था में हो. टूटा, गंदा या खंडित पंख अशुभ माना जाता है.

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मोर पंख को हमेशा साफ हाथों से ही संभालें. यदि पंख गिर जाए, तो उसे हल्के स्वच्छ पानी से साफ करके दोबारा किताब में रखें.

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