ब्रह्म मुहूर्त सूर्योदय से करीब 1.5 घंटे पहले का समय होता है.



इस समय साधना करने से व्यक्ति को शुद्ध वातावरण, शांति और ऊर्जा का एहसास होता है.



आयुर्वेद के मुताबिक ब्रह्म मुहूर्त में उठने से शरीर और मन दोनों ही स्वस्थ्य रहते हैं.



ब्रह्म मुहूर्त में उठने से आत्मा का परमात्मा से मिलन मजबूत होता है.



ब्रह्म मुहूर्त में पढ़ाई, योग, ध्यान और नाम जाप करने से बुद्धि और ज्ञान का विकास तेजी से होता है.



नियमित रूप से इस वक्त उठने से आलस, अवसाद और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है.



धार्मिक दृष्टिकोण से ये समय देवी-देवताओं की पूजा-पाठ करने के लिए सबसे श्रेष्ठ होता है.



वैज्ञानिक रूप से भी ब्रह्म मुहूर्त में उठने वाले लोगों की कार्यक्षमता अन्य लोगों की तुलना में ज्यादा होती है.



ब्रह्म मुहूर्त में उठने से मन, मस्तिष्क और शरीर रोग मुक्त होते हैं.