महाराष्ट्र के उस्मानाबाद में परांदा किला मौजूद है

यह किला मराठा और मुगलों के बीच होने वाले किसी भी लड़ाई में शामिल नहीं हुआ था

हालांकि इस किले का उपयोग युद्धपोतों के डिपो के रूप में किया जाता था

इसका निर्माण 15वीं सदी में करवाया गया था

बहमनी सल्तनत के वजीर महमूद गवन ने करवाया था

हालांकि यह किला कब बना इसके बारे में पुख्ता जानकारी नहीं है

कुछ इतिहासकारों के मुताबिक बहमनी सल्तनत के खातमे के बाद...

यह किला अहमदनगर सल्तनत के अधीन हो गया था

12 एकड़ में फैला यह किला काफी खूबसूरत है

इस किले की सुरक्षा के लिए 26 तोपें तैनात किए गए थे

यहां आज भी तोप देखे जा सकते हैं