‘महमूद गजनवी’ का नाम आपने भी सुना होगा. वो बेहद कट्टर और क्रूर इस्लामिक शासक था.



महमूद गजनवी ने 17 बार भारत को लूटा था और यहां बड़ी संख्या में हिंदुओं की कत्लेआम करवाया था.



महमूद गजनवी का जन्म अफगानिस्तान के गजनी में 2 नवम्बर 971 ई. को हुआ था.



महमूद गजनवी सुबुक-तगीन का पुत्र था, जो गजनी के पहले स्वतंत्र शासक के रूप में जाना जाता है.



गजनी का महमूद भारत पर आक्रमण करने वाले पहले सुल्तान के रूप में भी जाना जाता है.



महमूद गजनी ने बतौर इस्लामिक शासक पहली बार भारत में पैर पसारे. उसके बाद एक के बाद एक इस्लामिक आक्रांता यहां आए.



महमूद गजनी अपने साम्राज्य का विस्तार चाहता था, इसके लिए उसने पूर्वी ईरान से लेकर पूर्वी भारत तक हमले किए.



महमूद गजनवी भारत की अपार सम्पत्ति को लूट कर गजनी ले गया था.



महमूद गजनवी के भारत पर आक्रमण का सिलसिला 1001 ई. से शुरू हुआ था.



भारत पर आक्रमण के दौरान उसे यहां की धन-संपदा का पता चला. लिहाजा, उसने खूब लूट-मार मचाई.



महमूद इतना विध्वंसकारी मुस्लिम शासक था कि लोग उसे मूर्तिभंजक कहने लगे थे.



महमूद गजनी ने भारत के समृद्धशाली नगरों और धन-धान्य से पूर्ण मन्दिरों को ज्यादा निशाना बनाया.



महमूद गजनवी की मौत 30 अप्रैल 1030 ई. में हुई. तब वह 59 वर्ष का था.



महमूद की मौत मुल्तान और पंजाब के जाटों से बार-बार शिकस्त के चलते हुई. तस्वीर उसके मकबरे की है.