प्लेन का बैलेंस बना रहने के लिए फ्यूल विंग्स में भरा जाता है

अगर फ्यूल प्लेन के पीछे हिस्से में होगा और प्लेन जब उड़ेगा

तो इसका आगे का हिस्सा उठ जाएगा

जब जब फ्यूल खत्म होगा तो फिर आगे का हिस्सा झुक जाएगा

इस वजह से प्लेन में फ्यूल पंखों में भरा जाता है

उड़ान के वक्त पंखों पर दबाव भी काम होता है

प्लेन का भार समान रूप से पूरे एयरफ्रेम में रहता है

अधिकतर विमान के इंजन भी पंखों में होते हैं

इस वजह से फ्यूल को इंजन तक पहुंचने में दिक्कत नहीं होती है

आसानी से फ्यूल इंजन तक पहुंच जाता है