पेड़ पर शुरुआत में केले का फल एक गुच्छे जैसे कली में होता है

इसमें हर पत्ते के नीचे एक केले का गुच्छा छिपा होता है

शुरुआत में तो केला जमीन की ओर ही बढ़ता है

साथ ही इसका आकार भी सीधा ही होता है

Negative Geotropism प्रवृत्ति के कारण पेड़ सूरज की तरफ बढ़ते हैं

यही प्रवृत्ति केले के साथ भी होती है

जिसके कारण केला बाद में ऊपर की ओर बढ़ना शुरू कर देता है

इसलिए केले का आकार टेढ़ा हो जाता है

सूरजमुखी में भी निगेटिव जियोट्रोपिज्म की प्रवृत्ति होती है

केला का टेढ़ा होने की वजह बॉटनिकल भी बताया जाता है