अधिकतर लोग पढ़ाई या फिर जॉब के लिए किसी दूसरे शहर जाते हैं

किसी दूसरे शहर में रहने के लिए वो किराए का घर खोजते हैं

लेकिन क्या 10 साल एक घर में रहने से वो किराएदार का हो जाता है?

बता दें कि किसी भी किरायेदार का कभी भी मकान मालिक की संपत्ति पर हक नहीं होता है

हालांकि कुछ परिस्थितियों में किरायेदार चाहे तो मकान पर अपना अधिकार जता सकता है

ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट के अनुसार किरायेदार किसी प्रॉपर्टी 12 साल से अधिक समय से है

तो वह उस प्रॉपर्टी को बेचने का अधिकार नहीं होता है

आसान भाषा में कहें तो किसी किरायेदार के पास मकान का एडवर्स पजेशन है

तो वह उस संपत्ति का मालिक माना जाएगा

इसके लिए मकान मालिक चाहे कोर्ट में ही क्यों न चला जाए.