होलिका की अग्नि बहुत ही शुभ और पवित्र होती है.



होलिका दहन पर गोबर की गुलरी जलाने की परंपरा है.



गोबर के छोटे-छोटे के उपले को गुलरी कहा जाता है, इसकी
माला बनाकर होलिका पर चढ़ाई जाती है.


गाय का गोबर शुभता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है.



जब इसे जलाया जाता है तो निकलने वाला धुआं घर से
नकारात्मक शक्तियों को दूर करता है.


होलिका दहन में गुलरियां जलाने से परिवार की बाधाएं
दूर होती हैं और सुख-समृद्धि बढ़ती है. ऐसी मान्यता है.


होलिका की अग्नि में नारियल डालना शुभ होता है.
कहते हैं इससे बुरी नजर से बचाव होता है.


होलिका दहन हमेशा प्रदोष काल में किया जाता है.
इस साल होलिक दहन 13 मार्च 2025 को होगा.