प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि '' सत्य की राह में चलने वाले की निंदा, बुराई अवश्य होती है.''



स्वयं को ईश्वर को समर्पित कर दो.



ब्रह्मचर्य की रक्षा करें.



हमें सच्चा प्रेम प्रभु से प्राप्त होता हैं.



हमें जो भी कार्य करना चाहिए वह श्री राधे कृष्ण के चरणों में समर्पित होकर करना चाहिए



अगर कोई आपको कुछ अपशब्द कह रहा है तो वह अच्छा है वह आपके पापों का नाश कर रहा है



अपने इसी जीवन में मोक्ष की प्राप्ति के लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए मोक्ष का अर्थ है जीवन व मरण के चक्र से मुक्त होना



हमें इस रक्त मास और हड्डी के ढ़ेर से प्रेम करना छोड़ कर आंतरिक आत्मा रूपी परमात्मा से प्रेम करना चाहिए



निरंतर श्याम के चरणों की उपासना करनी चाहिए यह जरूरी नहीं की आपको पहले प्रयास में ही मुक्ति मिल जाए, कर्म करें और फल की चिंता ना करें.