निंदारस का अर्थ है बुराई करने का आनंद.



निंदारस का आनंद इंसान तब लेता है जब उसको ईर्ष्या होती है.



किसी की बुराई करना और उसका आनंद लेने को निंदारस कहते हैं.



किसी की निंदा करना एक अपराध है.



अगर आप किसी की अच्छाई नहीं कर सकते तो उसकी बुराई भी ना करें.



जो लोग अपने काम को सही ढंग से नहीं कर पाते, वो निंदारस का आनंद उठाते हैं.



लोग अपनी कमजोरी को छुपाने के लिए निंदा को अपना हथियार बनाते हैं.



अगर आप किसी की आलोचना करते हैं तो हमारे अंदर नकारात्मकता बढ़ती है.



अंहकार से जन्मा क्रोध जीवन के सभी रसों का नाश कर देता है.