गर्भवती महिला को गर्भावस्था के दौरान कई सावधानियां बरतनी चाहिए.

पितृपक्ष के समय भी प्रेग्नेंट महिला को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए.

गर्भवती महिला को पिंडदान, तर्पण या श्राद्ध जैसे कर्मकांड करना वर्जित होता है.

पितृकर्म सूक्ष्म ऊर्जाओं से जुड़ा होता है, जिसका नकारात्मक असर शिशु पर हो सकता है.

इसलिए श्राद्ध व पिंडदान जैसे परंपरा में गर्भवती महिला को भाग नहीं लेना चाहिए.

लेकिन पितृपक्ष में गर्भवती महिला मन में अपने पितरों का स्मरण कर सकती हैं.

गर्भवती महिला को स्वंय पिंडदान करने श्राद्धकर्म में शामिल नहीं होना चाहिए.

श्राद्ध में लंबे उपवास और कई तरह के थकान भरे अनुष्ठान भी होते हैं.

इसलिए स्वास्थ्य की दृष्टि से गर्भवती महिला को श्राद्धकर्म में शामिल नहीं होना चाहिए.