स्वामी विवेकानंद कहते हैं कि उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक तुम्हें तुम्हारी मंजिल न मिल जाए.



खुद को कमजोर समझना महापाप है.



जीवन की दिशा तय करने के लिए अंदर आग जलाना बेहद जरूरी है.



दूसरों की मदद करना ही सच्चा धर्म है.



असफलता से कभी भी डरना नहीं चाहिए. सफल होने के लिए ये जरूरी है.



अपने विचारों से ही व्यक्ति महान बनता है.



शांत मन से ही हर समस्या का हल ढूंढा जा सकता है.



हर दिन एक नया अवसर है.



कर्म करते रहो फल की चिंता मत करों.