हिंदू धर्म में कई तरह के दोहा, श्लोक या चौपाई का पाठ किया जाता है.

इन्हीं में एक रामचरितमानस की चौपाई मंगल भवन अमंगल हारी...

रामचरित मानस की यह चौपाई भगवान श्रीराम के लिए है.

यह चौपाई शुभता प्रदान करने और नकारात्मकता दूर करने वाला है.

आइए जानते हैं इस चौपाई का हिंदी भावार्थ क्या है?

मंगल भवन अमंगल हारी द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी

इस चौपाई का अर्थ है, जो मंगल का घर है और अमंगल को दूर करता है

वो दशहथ नंदन श्री राम हैं वे मुझ पर कृपा करें.