कपालेश्वर मंदिर महाराष्ट्र के नासिक में गोदावरी
नदी के किनारे रामकुंड क्षेत्र में स्थित है.


यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है,
लेकिन यहां शिवलिंग के सामने नंदी महाराज स्थापित नहीं हैं,
जो इसे अन्य मंदिरों से अलग बनाता है.

सावन के महीने में इस मंदिर का धार्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है,
जब भक्त बड़ी संख्या में पूजा और जलाभिषेक करने आते हैं.


पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान शिव ने ब्रह्मा
जी के निंदा करने वाले पांचवें मुख को काट दिया था.


इस कारण भगवान शिव को ब्रह्महत्या का
पाप लग गया और वे मुक्ति की तलाश में भटकते रहे.


जब भगवान शिव सोमेश्वर क्षेत्र में पहुंचे, तब एक बैल
(नंदी) ने उन्हें रामकुंड में स्नान करने की सलाह दी.


भगवान शिव ने नंदी की सलाह मानी और रामकुंड में स्नान किया,
जिससे उन्हें ब्रह्महत्या के पाप से मुक्ति मिल गई.


इस घटना से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने नंदी को न केवल
अपना वाहन, बल्कि अपना गुरु भी स्वीकार कर लिया.


नंदी को गुरु मानने के कारण शिव ने उन्हें अपने सामने बैठने
की अनुमति नहीं दी, इसलिए मंदिर में नंदी की मूर्ति नहीं है.


कपालेश्वर मंदिर में नंदी की मूर्ति गोदावरी के रामकुंड
क्षेत्र में स्थित है, न कि मंदिर के गर्भगृह के सामने.