होली के त्योहार का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है.



होलिका दहन का होली के पर्व पर विशेष महत्व है.



जानतें हैं पिछले जन्म में होलिका कौन थी.



होलिका, महर्षि कश्यप और दिति की पुत्री थीं.



होलिका, राक्षस कुल के महाराज हिरण्यकश्यप की बहन थीं.



होलिका को सिंहिका के नाम से भी जाना जाता है.



होलिका को अग्निदेव से वरदान मिला था कि वह अग्नि में नहीं जल सकतीं.



होलिका, भक्त प्रह्लाद की बुआ थीं.



हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र प्रह्लाद को मारने के लिए होलिका को आग में प्रवेश करने के लिए कहा था.



भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद बच गया और होलिका जल गई.