रोजाना 5 वक्त की नमाज पढ़ना इस्लाम का बुनियादी हिस्सा है.

कुरान के अनुसार नमाज जन्नत की कुंजी है.

मर्द, औरत, गरीब, अमीर सभी लोगों पर पांच वक्त की नमाज पढ़ना फर्ज है.

अल्लाह और उसके रसूल पर ईमान लाने के लिए लोगों पर नमाज वाजिब है.

इसलिए तय समय पर 5 वक्त की नमाज अदा करना जरूरी है.

पांच वक्त की नामज है- फज्र, जुहर, अस्र, मगरिब और ईशा की नमाज.

जानते हैं मुसलमानों पर कब फर्ज हुई 5 वक्त की नमाज.

इस्लामिक मान्यानुसार पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम) के

रात्रि यात्रा पर जाने के बाद 5 वक्त का नमाज अनिवार्य किया गया था.