शादी लोगों की जिंदगी का काफी अहम फैसला होता है. जो दो लोगों की जिंदगी बदलकर रख देता है. इसलिए लोग इस फैसले को लोग काफी सोच समझकर लेते हैं. क्योंकि इसमें जरा सी लापरवाही जिंदगी भर के लिए परेशानी का सबब बन सकती है. लेकिन कुछ शादियों की उम्र ज्यादा नहीं होती है. वह बहुत जल्द ही तलाक के मुहाने तक पहुंच जाती हैं. शादी के बाद तलाक का फैसला जिंदगी को अलग मोड़ पर ले आता है.

जब मामला सरकारी नौकरी, पेंशन से जुड़ा हो तो चीजें और मुश्किल हो जाती हैं. अब सोचिए एक शख्स ने दो बार शादी की, और दोनों बार तलाक हो गया. ऐसी स्थिति में सवाल उठता है कि उसकी मौत के बाद उसकी पेंशन का हकदार कौन होगा? लोग अक्सर मानते हैं कि पहली पत्नी को ज्यादा अधिकार होंगे या शायद दूसरी को, लेकिन असल में जवाब उतना सीधा नहीं होता. चलिए आपको बताते हैं. 

पहली या दूसरी तलाक के बाद किस पत्नी के मिलेगी पेंशन?

अगर किसी आदमी ने दो शादियां कीं और दोनों से तलाक ले लिया. तो उसकी पेंशन किसे मिलेगी. यह कुछ बातों पर तय होता है. सबसे जरूरी है कि उसने अपने सर्विस रिकॉर्ड में किसे नॉमिनी बनाया था. अगर किसी पत्नी को तलाक के बाद कोर्ट से गुज़ारा भत्ता या पेंशन का हक मिला है. तो उसी को पैसा मिल सकता है. 

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लेकिन अगर दोनों से कानूनी तलाक हो गया है और किसी का नाम पेंशन रिकॉर्ड में नहीं है, तो फिर कोई पत्नी हकदार नहीं मानी जाएगी. ऐसे में पेंशन उसके माता-पिता या परिवार के किसी और सदस्य को मिल सकती है. यह सब सरकारी नियम और कागजों में दर्ज जानकारी पर निर्भर करता है. अलग-अलग मामले में फैसला अलग हो सकता है.

पेंशन ना मिले तो पत्नी दावा कर सकती है? 

अगर किसी पत्नी का तलाक हो चुका है और उसके बाद पति की मौत हो जाती है. तो तलाकशुदा पत्नी को आमतौर पर पेंशन का हक नहीं मिलता. क्योंकि तलाक के बाद पति-पत्नी का कानूनी रिश्ता खत्म हो जाता है. लेकिन अगर तलाक के वक्त कोर्ट ने गुज़ारा भत्ता या पेंशन देने का आदेश दिया था. तो पत्नी उस आधार पर दावा कर सकती है.

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इसके लिए उसे कोर्ट में जरूरी दस्तावेज़ और आदेश पेश करने होंगे. अगर ऐसा कोई आदेश नहीं है और न ही उसका नाम नॉमिनी में दर्ज है तो उसे पेंशन नहीं दी जाएगी. पेंशन तभी मिलती है जब तलाक से पहले किसी वैध आधार पर उसका हक तय किया गया हो. सिर्फ पहले की पत्नी होने से पेंशन अपने आप नहीं मिलती.

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