NGO Registration Process: भारत में तकरीबन कल 30 लाख से ज्यादा गैर सरकारी संगठन यानी एनजीओ संचालित है. जिसमें कई कामों के लेकर अलग-अलग तरह के एनजीओ संचालित हैं. जिनमें स्वास्थ्य के मामलों की देखभाल, महिला सशक्तिकरण के लिए, बाल अधिकार के लिए, पर्यावरण संरक्षण के लिए, वृद्धावस्था को लेकर, अनाथालय के लेकर, नौकरियों को लेकर और कई क्षेत्रों में काम करते हैं. चलिए जानते हैं भारत में कैसे बनाया जाता है गैर सरकारी संगठन. किन दस्तावेजों की होती है जरूरत. क्या होती है इसकी पूरी प्रक्रिया. 


कैसे करवाते हैं एनजीओ रजिस्टर?


अगर आप भारत में अपना गैर सरकारी संगठन यानी एनजीओ खोलने की सोच रहे हैं. तो फिर आपको एक लंबी प्रक्रिया को फाॅलो करना होता है. एनजीओ रजिस्टर करने के लिए सबसे पहले आपको यह जानना जरूरी होता है कि आपका एनजीओ क्या काम करने वाला है. इससे आपको रजिस्ट्रेशन कराने में आसानी होती है. भारत में एनजीओ रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए आपको  भारतीय ट्रस्ट अधिनियम के तहत ट्रस्ट को रजिस्ट्रेशन करवाना होता है. 


किसी ट्रस्ट को रजिस्टर्ड करवाने के लिए कम से कम दो व्यक्तियों का होना जरूरी है. इसमें अधिकतम लोगों की संख्या नहीं होती. तो वहीं अगर कोई समिति के तौर पर रजिस्टर्ड होता है तो उसमें कम से कम सात लोगों का होना अनिवार्य है भारतीय ट्रस्ट अधिनियम के तहत सोसाइटी से ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन करवाना ज्यादा आसान है. 


तीन तरह से करवा सकते हैं एनजीओ रजिस्टर


एनजीओ को तीन तरह से रजिस्टर करवाया जा सकता है. एनजीओ को कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत कंपनी के तौर पर रजिस्टर करवाया जा सकता है. इसके साथ ही भारतीय ट्रस्ट अधिनियम के तहत ट्रस्ट के तहत रजिस्टर करवाया जा सकता है. तो वहीं इसके साथ ही सोसायटी पंजीकरण अधिनियम के तहत सोसायटी के तौर पर भी रजिस्टर करवाया जा सकता है. 


यह दस्तावेज होते हैं जरूरी


एनजीओ का ज्ञापन या फिर संस्था के अंतर्नियम की तीन काॅपी जिनपर एनजीओ के बारे में सभी जानकारी दर्ज हो. संस्थापक का नाम, व्यवसाय और व्यवसाय का पता. संस्था के रजिस्टर होने के 7 दिन बाद संस्था की कुल संपत्ति. इसके साथ ही कुछ और दस्तावेज जरूरी होते हैं. अगर इनमें से किसी भी दस्तावेज में कोई दस्तावेज में गलत जानकारी दी जाती है. तो फिर एनजीओ को बैन किया जा सकता है. 


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