एक समय था जब लोगों के घरों में खाना मिट्टी के चूल्हों पर बनाया जाता था. लेकिन अब यह बीती बातें हो चुकी हैं. अब सभी लोगों के घरो में गैस चूल्हों का इस्तेमाल होता है.. सुबह की चाय से लेकर रात के खाने तक सब कुछ इसी पर टिका होता है. सामान्य तौर पर गैस कनेक्शन जिसके नाम पर होता है. वही व्यक्ति उस पर गैस सिलेंडर रीफिल करवा सकता है.
लेकिन अगर कई लोगों के मन में सवाल आता है कि अगर गैस कनेक्शन ओनर की डेथ हो जाए. तो क्या वह कनेक्शन बंद हो जाएगा या फिर किसी और के नाम ट्रांसफर हो सकता है. बहुत लोग इस प्रोसेस के बारे में अनजान होते हैं. चलिए आपको बताते हैं ओनर की डेथ के बाद कैसे गैस कनेक्शन ट्रांसफर किया जा सकता है.
ओनरशिप ट्रांसफर करने के लिए क्या है प्रोसेस?
अगर गैस कनेक्शन के ओनर की मौत हो जाए तो कनेक्शन को ट्रांसफर कराने के लिए आपको कुछ जरूरी स्टेप्स फॉलो करने होते हैं. इसके सबसे पहले नजदीकी गैस एजेंसी से संपर्क करें. वहां एक आवेदन देना होता है जिसमें ओनरशिप ट्रांसफर की रिक्वेस्ट दी जाती है. इसके साथ में आपको पुराने ओनर की डेथ सर्टिफिकेट और नये ओनर की आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ और रिश्ता साबित करने वाला कोई डॉक्युमेंट लगाना होता है. डॉक्युमेंट्स वेरिफाई होने के बाद एजेंसी नए नाम पर कनेक्शन ट्रांसफर कर देती है. प्रोसेस को पूरी होने में कुछ दिनों में पूरी हो जाती है.
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क्या देना होता है कोई चार्ज?
गैस कनेक्शन ट्रांसफर कराने के लिए आमतौर पर कोई एक्सट्रा चार्ज नहीं लिया जाता. आपको बता दें नियम के तहत नया ओनर अगर परिवार का ही सदस्य है. तो चार्ज नहीं देना होता. सभी ज़रूरी डॉक्युमेंट सही होने चाहिए. एजेंसी सिर्फ डॉक्युमेंट्स की जांच करती है और प्रक्रिया पूरी होने के बाद नया नाम रिकॉर्ड में अपडेट कर देती है.
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हालांकि कुछ केस में जहां पुराने कनेक्शन से जुड़ा सेफ्टी डिपॉजिट ट्रांसफर करना हो या नए सिलेंडर व रेगुलेटर लेने पड़ें. वहां कुछ चार्ज देने पड़ सकते हैं. लेकिन एजेंसी को इसकी रसीद देनी होती है. बेहतर होगा कि ट्रांसफर से पहले ही अपनी गैस एजेंसी से पूछकर कंफर्म कर लें कि कोई चार्ज लगेगा या नहीं.
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