Shani Dev
शनि देव हिंदू ज्योतिष में कर्म और न्याय के देवता माने जाते हैं. सूर्य के पुत्र और छाया के गर्भ से उत्पन्न शनि देव को कालपुरुष कहा गया है, जो हर व्यक्ति के कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं. वे न तो अन्याय करते हैं, न ही पक्षपात बल्कि हर जीव को उसके कर्मानुसार फल देते हैं. इसी कारण उन्हें दण्डनायक और न्यायाधीश कहा जाता है. ज्योतिषशास्त्र में शनि को कर्म, परिश्रम, अनुशासन और विलंब का प्रतीक माना गया है. जब व्यक्ति के जन्मपत्र में शनि मजबूत स्थिति में हों, तो जीवन में स्थिरता, सफलता और दीर्घायु प्रदान करते हैं, लेकिन यदि अशुभ या नीच स्थिति में हों, तो संघर्ष, देरी और मानसिक दबाव लाते हैं. साढ़ेसाती और ढैया जैसी अवस्थाएं इसी कारण भय का कारण बनती हैं, लेकिन वास्तव में ये आत्म-परीक्षण और कर्म-सुधार के अवसर होते हैं. शनि देव शनिवार के स्वामी हैं. इस दिन तिल का तेल, काले तिल, उड़द, और शनि मंदिर में दीपदान करने से शनि की कृपा प्राप्त होती है. उनका वाहन कौवा और रंग काला माना गया है.