नई दिल्लीः टेलीकॉम इंडस्ट्री के रेवेन्यू (एजीआर) में वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में तिमाही-दर-तिमाही के आधार पर सात फीसदी और 2015-16 की तुलना में 25 फीसदी गिरावट हुई है. जेफरीज़ की एक रिपोर्ट के मुताबिक दूरसंचार उद्योग का राजस्व अब पांच साल पुराने 2012-13 के स्तर पर पहुंच चुका है.


रिपोर्ट में कहा गया , "यह गिरावट जनवरी के अंत में जियो और अन्य कंपनियों द्वारा कीमतों में कमी करने से आई है. उद्योग के एआरपीयू में तिमाही-दर-तिमाही आधार पर 11 फीसदी की कमी दर्ज की है और यह अब 70 रुपये प्रति माह है." जियो की बाजार हिस्सेदारी बढ़कर अब 19.1 फीसदी हो गई है और उसने आइडिया (16 फीसदी) को पीछे छोड़ दिया है. रिपोर्ट मुताबिक जियो की बाजार हिस्सेदारी उसकी महत्वाकांक्षा (50 फीसदी) से अभी भी काफी कम है और अनुमान है कि यह बढ़कर 30 फीसदी तक पहुंच सकती है.


आपको बता दें साल 2016 में रिलायंस जियो के लॉन्च होने से टेलीकॉम की दुनिया में बड़ी उथल-पुथल देखने को मिली है. डेटा के दाम 70 से 80 फीसदी तक कम हो गए हैं वहीं कॉलिंग के लिए लगभग सभी कंपनियां मामूली कीमत ही वसूल रही हैं. एयरटेल, जियो और वोडाफोन सहित सभी कंपनियों के सस्ते टैरिफ और अक्रामक पॉलिसी इंडस्ट्री की खराब हालत का सबसे बड़ा कारण है.