Varanasi Lok Sabha Election 2024: वाराणसी की लोकसभा सीट पर नामांकन प्रक्रिया जारी है. देश की सबसे चर्चित हाई प्रोफाइल सीट पर चुनाव लड़ने के लिए अलग-अलग प्रत्याशी खासा उत्साहित दिखाई दे रहे हैं. लंबी कतार में लगकर वह पर्चा खरीद रहें हैं. इन सब के बीच कुछ ऐसे लोग भी हैं जो अपने निजी हक अधिकारों को लेकर भी चुनावी मैदान में उतरने का ऐलान कर चुके हैं. 


इन्हीं चर्चाओं में वाराणसी के लोकसभा सीट पर एक नाम सामने आ रहा है जो संतोष मूरत सिंह का है. संतोष का कहना है कि तकरीबन दो दशक से उनका राजस्व विभाग में नाम काट दिया गया है, वह सरकारी दस्तावेज में मृत घोषित है. लेकिन अब वह लोकसभा चुनाव लड़कर अपने आप को जीवित करेंगे.


वाराणसी से 2024 लोकसभा चुनाव लड़ेंगे संतोष! 
संतोष का कहना है कि सरकारी दस्तावेज में वह मृत घोषित है. और अब वह 2024 लोकसभा चुनाव लड़कर अपने आपको जीवित घोषित करेंगे. इसको लेकर उन्होंने नामांकन प्रक्रिया को पूर्ण करना शुरू कर दिया है. बातचीत में उन्होंने बताया कि - नामांकन पर्चा खरीदने के बाद चालान को भी प्राप्त कर लिया गया है. अब प्रस्तावकों के साथ बाकी प्रक्रिया को पूर्ण करके जल्द ही नामांकन दाखिल कर दिया जाएगा. 


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हालांकि संतोष अपने आप को नाना पाटेकर का फैन बताते हैं. इससे पहले भी वह अपने अलग-अलग विरोध प्रतिक्रिया और प्रशासन के सामने संघर्ष को लेकर सुर्खियों में रहें हैं. उनका कहना है कि वह 100 से अधिक बार जेल जा चुके हैं. जबकि प्रशासन का इस पर साफ कहना है कि संतोष मुरत के अधिकार क्षेत्र में जितनी भी संपत्ति आती है, उन्हें प्राप्त हो चुकी है.


मुंबई जाने के बाद मुझे मृत घोषित कर दिया 
संतोष मूरत सिंह ने ABP live को जानकारी देते हुए बताया कि - तकरीबन दो दशक पहले वह मुंबई गए थे और जब वह मुंबई से वाराणसी लौटे तो उनके करीबियों द्वारा धोखे से उन्हें राजस्व विभाग में मृत घोषित कर दिया गया और उनकी संपत्ति पर कब्जा कर लिया गया. तब से वह अपने हक अधिकारों को लेकर सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगा रहे हैं. इसको लेकर उन्होंने वाराणसी मुख्यालय से लेकर दिल्ली के जंतर मंतर तक धरना प्रदर्शन भी किया है. 


देश के राष्ट्रपति और लोकसभा, विधानसभा चुनाव में भी वह नामांकन पर्चा दाखिल कर चुके हैं लेकिन ज्यादातर चुनाव में उनका नामांकन पर्चा खारिज हो गया. 2017 यूपी विधानसभा चुनाव में उन्होंने वाराणसी के शिवपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था जिसमें उनकी हार हुई थी.