लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सभी की निगाहें उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र पर भी टिकी हुई है. करीब 2 दशक बाद ऐसा हुआ है कि जब अमेठी के चुनावी संग्राम में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर गांधी परिवार की बजाय कोई और चुनावी मैदान में है.


अमेठी से कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी की स्मृति ईरानी के मुकाबले किशोरी लाल शर्मा को प्रत्याशी बनाया है. अमेठी में दोनों दल अपनी ओर से चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं. इस बीच केएल शर्मा की बिटिया अंजलि भी पिता के लिए प्रचार मैदान में उतर गईं हैं.


यह जानकारी खुद केएल शर्मा ने दी. सोशल मीडिया साइट एक्स पर दी. उन्होंने लिखा- मेरी बिटिया अंजलि को प्यार करते अमेठी के लोग,हमारे परिवार का असली घर अमेठी है. एक अन्य पोस्ट में शर्मा ने लिखा-  विधान सभा क्षेत्र के डीह ब्लाक में महिलाओ से मुलाकात व संवाद करती मेरी बेटियो अंजलि शर्मा को मिले आपार स्नेह और आशीर्वाद का ऋणी रहूँगा. शर्मा ने लिखा- गांव देहात के सम्मानित लोगों के साथ मेरी बिटिया अंजली शर्मा ने मेरे चुनाव प्रचार की कमान संभाली.


'स्मृति ईरानी कोई चुनौती नहीं..', केएल शर्मा ने बताया 2019 में अमेठी से क्यों हारे राहुल गांधी?



1983 में पहली बार अमेठी आए थे शर्मा
बता दें शर्मा 1983 के आसपास राजीव गांधी उन्हें पहली बार अमेठी लेकर आए थे. तब से वह यहीं के होकर रह गए. 1991 में राजीव गांधी की मौत के बाद जब गांधी परिवार ने यहां से चुनाव लड़ना बंद किया तो भी शर्मा कांग्रेस पार्टी के सांसद के लिए काम करते रहे.


रायबरेली से सोनिया गांधी के सांसद चुने जाने के बाद उनके प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते रहे. यूपी की वीआईपी सीटों में शुमार अमेठी से वर्ष 1999 में सोनिया गांधी ने अपना पहला चुनाव लड़ा था. बाद में उन्होंने वर्ष 2004 में यह सीट राहुल गांधी के लिए छोड़ दी. राहुल गांधी 2004, 2009, 2014 में चुनाव जीत गए लेकिन, वह 2019 में भाजपा की स्मृति ईरानी से चुनाव हार गए.