UP News: उत्तर प्रदेश में अगले लोकसभा चुनाव (LokSabha Elections) की तैयारी में हर पार्टी लग गई है. हर पार्टी अपनी रणनीति के हिसाब से तैयारी में जुट गई है. इसी बीच यूपी की राजनीति में इस बार अगस्त (August) का महीना सियासत के दृष्टि से काफी अहम रहा है. इस महीने के दौरान राज्य में कई ऐसा बड़े फैसले हुए जिनका अगले लोकसभा चुनाव में बड़ा असर पड़ने वाला है. इन बड़े फैसलों के केंद्र में बीजेपी (BJP), समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) रहे हैं. इसके अलावा ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) के आंकड़े भी काफी अहम है.


बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष- यूपी बीजेपी लंबे समय से प्रदेश अध्यक्ष को लेकर अटकलें चल रही थी. जिसके बाद पार्टी ने 23 अगस्त को राज्य में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के नाम का एलान कर दिया है. बीजेपी ने भूपेंद्र सिंह चौधरी को पार्टी की कमान सौंपी है. इससे पहले राज्य में केशव प्रसाद मौर्य, हरीश द्विवेदी, श्रीकांत शर्मा, दिनेश शर्मा समेत कई नेताओं का नाम चर्चा में रहा था.


अखिलेश यादव की पदयात्रा- समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने नौ अगस्त से पदयात्रा की शुरूआत की थी. पदयात्रा का पहला चरण गाजीपुर, बलिया, मऊ, जौनपुर, भदोही होते हुए 27 अक्टूबर को वाराणसी में खत्म होगा. यात्रा नौ अगस्त को गाजीपुर, 27 अगस्त को बलिया, 8 सितंबर को मऊ, 15 सितंबर को आजमगढ़, 3 अक्टूबर को जौनपुर, 14 अक्टूबर को भदोही और 19 अक्टूबर को वाराणसी में होगी. 


ओम प्रकाश राजभर की सावधान यात्रा- अखिलेश यादव की पदयात्रा के खिलाफ ओम प्रकाश राजभर ने सावधान यात्रा का एलान किया है. खास बात ये है कि इस यात्रा का एलान सपा के 'पदयात्रा' के एलान के बाद हुआ था. सुभासपा प्रमुख ने इस यात्रा का समापन बिहार की राजधानी पटना में करने की बात कही है. वहीं इस दौरान ओपी राजभर ने सपा प्रमुख पर जमकर जुबानी हमले किए हैं.


यूपी में बीजेपी के नए महामंत्री धर्मपाल सिंह- यूपी में बीजेपी ने 2014 में सुनील बंसल को प्रदेश महामंत्री बना रखा था. इस दौरान बीजेपी ने यूपी में चार पर अपना दम दिखाया. लेकिन इसी बीच लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में लगी बीजेपी ने यूपी में नए प्रदेश महामंत्री को जिम्मेदारी दी है. अब धर्मपाल सिंह को बीजेपी ने प्रदेश में नया संगठन महामंत्री का दायित्व दिया है.


OBC आरक्षण से लाभ लेने वालों का आंकड़ा जुटा रही योगी सरकार- उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार पिछले 10 सालों में सरकारी नौकरियों में ओबीसी प्रतिनिधित्व का आकलन करने जा रही है. सरकार ने अब इसका डेटा जुटाने का फैसला किया है. इसके तहत राज्य सरकार की सेवाओं में ओबीसी की 79 उपजातियों के हिसाब से सरकारी कर्मचारियों की गिनती होगी. माना जा रहा है कि योगी सरकार का ये फैसला लोकसभा चुनाव में ओबीसी मतदाताओं को देखते हुए लिया गया है. खास बात ये है कि बीते चुनावों में ओबीसी का एक बड़ा तबका बीजेपी के साथ रहा है. 


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