UP Election 2022 : कांग्रेस महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी का महिला घोषणा पत्र जारी किया है. किसी राजनीतिक दल का ये अपनी तरह का प्रयोग या कहें पहल है. 'लड़की हूँ, लड़ सकती हूं' नारे के साथ जारी इस घोषणा पत्र को शक्ति विधान नाम दिया है. जिसमें नीचे लिखा है हम वचन निभाएंगे। घोषणा पत्र जारी करने के दौरान पार्टी के नारे पर आधारित थीम सांग भी लांच किया गया. कांग्रेस ने महिला घोषणा पत्र को 6 हिस्सों में बांटा है. स्वाभिमान, स्वावलंबन, शिक्षा, सम्मान, सुरक्षा और सेहत


जानें कांग्रेस के महिला घोषणा पत्र के 6 सेगमेंट की खास बातें:



  •  स्वाभिमान :
    - आगामी विधानसभा चुनाव में 40 फीसदी टिकट महिलाओं को

  •  स्वावलंबन:
    - 20 लाख नई सरकारी नौकरियों में 40 फीसदी नौकरियां महिलाओं को
    - 50 फीसदी तक महिलाओं को नौकरी पर रखने वाले व्यवसायों को कर में छुट के साथ अन्य सहायता
    - पुरुष केंद्रित नौकरियों जैसे परिवहन विभाग में ड्राइवर आदि में महिलाओं के लिए विशेष कोटा, महिलाओं के लिए पृथक चालक इकाइयों के गठन
    - महिलाओं द्वारा संचालित छोटे व्यवसायों को कम ब्याज दर पर ऋण और टैक्स रिफंड देकर मदद के लिए फंड की स्थापना
    - सभी सरकारी कार्यालयों में अनिवार्य रूप से शिशु गृह की स्थापना
    - कामकाजी महिलाओं के लिए 25 प्रमुख शहरी केंद्रों में सुरक्षित और नवीन सुविधाओं वाले छात्रावास की स्थापना
    - घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न और निराश्रित महिलाओं के लिए राज्य और जिला स्तर की हेल्पलाइन की शुरूआत जिसका प्रबंधन प्रशिक्षित संचालक करेंगे
    - जिन महिलाओं का रोजगार कोविड-19 से प्रभावित हुआ उनके लिए वेतन सब्सिडी की शुरुआत
    - मौजूदा सार्वजनिक और निजी नौकरियों में महिलाओं को सुरक्षा और लाभ
    - आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व आशा बहुओं को प्रतिमाह 10 हज़ार रुपये मानदेय
    - प्रदेश में स्वयं सहायता समूह मॉडल को लागू कर समूह को 4 फीसद ब्याज दर पर ऋण दिलाना
    - घरेलू कर्मचारियों, महिलाओं की मानवीय कार्य दशाओं के पालन के लिए सरकारी विभाग की स्थापना 
    - मनरेगा में महिलाओं को प्राथमिकता देते हुए 40 फीसद कार्य उनके लिए आरक्षित किए जाएंगे
    - राज्य में राशन की 50 फीसद दुकानों का प्रबंधन और संचालन महिलाओं द्वारा किया जाएगा
    - विकलांग महिलाओं के प्रशिक्षण और रोजगार के साधन मुहैया कराने के लिए विशेष विभाग की स्थापना
    - सभी सरकारी भवन और कार्यस्थल विकलांग महिलाओं के लिए सुविधाजनक बनाए जाएंगे

  •  शिक्षा:
    - 10+2 में प्रत्येक छात्रा को स्मार्टफोन जो शिक्षा और सुरक्षा दोनों में लाभ देगा
    - स्नातक में पंजीकृत छात्राओं को स्कूटी
    - माध्यमिक विद्यालयों में बालिकाओं को आय वर्ग के अनुसार छात्रवृत्ति
    - प्रदेश में वीरांगनाओं के नाम पर 75 दक्षता विद्यालय खोले जाएंगे। इन आवासीय विद्यालयों में शिक्षा के साथ लड़कियों की क्षमता वर्धन और कौशल विकास किया जाएगा
    - विशेष रोजगार एक्सचेंज की स्थापना जिससे उपेक्षित वंचित वर्ग की महिलाओं के लिए रोजगार के साधन उपलब्ध हो
    - बच्चों का पालन पोषण कर रही अकेली माताओं को विभिन्न व्यवसाय में प्रशिक्षित करने के लिए वित्त पोषित कार्यक्रम की शुरुआत
    - कामकाजी महिलाओं की शिक्षा की सुविधा के लिए संध्या विद्यालयों की स्थापना
    - 14 साल से अधिक उम्र की लड़कियों के लिए प्रजनन अधिकारों और विज्ञान, यौन शिक्षा, जबरन बाल विवाह आदि पर केंद्रित पाठ्यक्रम को स्कूलों में शामिल किया जाएगा

  •  सम्मान:
    - सरकारी बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा
    - महिलाओं को हर साल 3 गैस सिलेंडर उपलब्ध कराए जाएंगे
    - प्रत्येक बुजुर्ग महिला और विधवा को 1000 रुपये की मासिक पेंशन
    - युवा अवस्था में विधवा हुई महिलाओं को रोजगार के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा
    - प्रत्येक ग्राम पंचायत में महिला चौपाल का निर्माण, जहां महिलाएं एकत्रित होकर चर्चा, आयोजन, बैठक व मनोरंजन गतिविधियां कर सकें
    - महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए व्यक्तिगत समूह के रूप में माइक्रो फाइनेंस में प्रशिक्षण दिया जाएगा
    - गरीब परिवारों को ऑनलाइन स्कूल, विश्वविद्यालय और कौशल विकास कक्षा में सुगमता के लिए इंटरनेट सुविधा
    - परिवार में पैदा होने वाली प्रत्येक बालिका के लिए एक एफडी खोली जाएगी
    - घरेलू हिंसा और नशे की समस्या से निपटने के लिए आशा बहुओं की तर्ज पर प्रशिक्षित सामाजिक कार्यकर्ताओं की नई योजना शुरू की जाएगी
    - पुरुष सदस्यों पर आश्रित महिलाओं के परित्याग के मामलों में कानूनी सहायता समितियों द्वारा विशेष सहयोग दिया जाएगा, युवा महिला अधिवक्ताओं को ऐसे मामलों के लिए वेतन दिया जाएगा

  •  सुरक्षा:
    - पुलिस बल में 25 फीसदी नौकरियां महिलाओं के लिए आरक्षित की जाएंगी
    - हर पुलिस थानों में महिला कांस्टेबल तैनात की जाएंगी
    - बलात्कार जैसे अपराध की शिकायत होने के 10 दिन में यदि अत्याचार अधिनियम की धारा 4 में कर्तव्यों का पालन ना हुआ तो अधिकारी को निलंबित किया जाएगा
    - राज्य स्तर पर विशेष अधिकार प्राप्त आयोग का गठन जिसमें 6 महिलाएं होंगी, जो न्यायाधीश, दो सामाजिक कार्यकर्ता और दो सरकारी अधिकारी होंगी

  •  सेहत:
    - किसी भी बीमारी के लिए प्रत्येक परिवार को 10 लाख तक का मुफ्त इलाज
    - राज्य में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और अन्य चिकित्सा सुविधा केंद्र में डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों के सभी रिक्त पद भरे जाएंगे
    - ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में नए स्वास्थ्य केंद्र खोलकर सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा
    - सभी सरकारी अस्पतालों, विश्वविद्यालयों और विद्यालयों में मासिक धर्म से संबंधित आवश्यक वस्तुओं और दवाओं की मुफ्त आपूर्ति
    - प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर महिलाओं द्वारा प्रबंधित और संचालित स्वास्थ्य शक्ति केंद्र की स्थापना
    - मानसिक स्वास्थ्य और आरोग्य पर ध्यान देने के लिए हेल्पलाइन और वेबसाइट की शुरुआत


 


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