Banke Bihari Prakatya Diwas 2021: विश्व प्रसिद्ध वृंदावन में आज ठाकुर श्री बांके बिहारी के प्राकट्योत्सव की धूम रही. निधिवनराज मंदिर में सुबह पांच बजे वेद मंत्रोच्चारण और केलिमाल के सस्वर पदों के गायन के मध्य ठाकुर जी की प्राकट्य स्थली का महाभिषेक हुआ. श्री बांके बिहारी और निधिवनराज मंदिर में रंग-बिरंगे गुब्बारों और फूलों से सजावट की गई. दोनों मंदिरों की आभा देखते ही बन रही है. ठाकुर जी के प्राकट्योत्सव पर हजारों श्रद्धालु यहां पहुंचे. इसे लेकर पुख्ता तैयारियां की गई हैं. 


निधिवनराज मंदिर और ठाकुर श्री बांके बिहारी मंदिर के सेवायत ने बताया कि संगीत शिरोमणि स्वामी हरिदास ने अपनी भावमयी संगीत साधना के माध्यम से मार्ग शीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को ठाकुर बांके बिहारी महाराज का प्राकट्य किया था, तभी से इस दिन को भक्त समाज में बिहार पंचमी के रूप में मनाया जाता है. इस अवसर पर ठाकुर जी पीत पोशाक धारण कर श्रद्धालुओं को दर्शन देते हैं. निधि वन में सुबह से ही बधाई एवं भजन गायन शुरू हो जाता है.


निकाली गई शोभा यात्रा 


ठाकुर जी के प्राकट्योत्सव में प्राकट्य स्थली पर सुबह से ही बधाई गायन और भजन गायन शुरू हो गया. विरक्त संत हरिदासी भक्त परिकर के साथ सुबह लगभग 8 बजे चांदी के रथ में विराजमान होकर निधिवनराज मंदिर से ठाकुर बांके बिहारी मंदिर तक बधाई शोभा यात्रा निकली. मंदिर के सेवायत गोस्वामी ने बताया कि बिहार पंचमी के दिन ठाकुर जी के बाल रूप को पीत वस्त्र, शृंगार के लिए स्वर्ण आभूषण, विभिन्न प्रकार के सुगंधित पुष्प, मेवा-युक्त हलवा-खीर और 56 भोग अर्पित किए जाते हैं. बिहार पंचमी के दिन श्रीबांकेबिहारी जी के प्राकट्य के साथ-साथ ही स्वामी हरिदास जी महाराज की बिहारी जी के प्रति अनन्य भक्ति को भी याद करने का दिन है.


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