DM e-कॉन्क्लेव: कोरोना को हराने के लिए यूपी तैयार, जिलाधिकारियों ने बताया कोरोना से लड़ने का 'मास्टर प्लान'

DM e-कॉन्क्लेव: एबीपी गंगा पर 'DM e-कॉन्क्लेव' पूरा हो गया है. आज दोपहर 12 बजे से शुरू हुए DM e-कॉन्क्लेव में उत्तर प्रदेश से अलग अलग जिलों से कई डीएम जुडे़ और जिले कोरोना की वर्तमान स्थिति, इससे निपटने के मास्टर प्लान को लेकर जाानकारी दी. इसके साथ ही जिलाधिकारियों ने कोरोना की तीसरी लहर की आहट के बीच इसकी तैयारियों को लेकर भी जानकारी दी. सभी जिलाधिकारियों ने कहा कि एक्टिव केस की संख्या लगातार कम हो रही है. ऑक्सीजन की डिमांड भी कम हो रही है. ग्रामीण इलाकों में कोरोना बढ़ा है लेकिन इसे लेकर भी राज्य सरकार ने ट्रैसिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट की नीति बनायी है. होम आईसोलेशन के मरीजों को कोविड कंट्रोल सेंटर के जरिए उचित मार्गदर्शन और इलाज मुहैया करवाया जा रहा है.

ABP Ganga Last Updated: 15 May 2021 07:33 PM
एबीपी गंगा पर 'DM e-कॉन्क्लेव' पूरा, डीएम ने बताया कोरोना से लड़ने का 'मास्टर प्लान'

एबीपी गंगा पर 'DM e-कॉन्क्लेव' पूरा हो गया है. आज दोपहर 12 बजे से शुरू हुए DM e-कॉन्क्लेव में उत्तर प्रदेश से अलग अलग जिलों से कई डीएम जुडे़ और जिले कोरोना की वर्तमान स्थिति, इससे निपटने के मास्टर प्लान को लेकर जाानकारी दी. इसके साथ ही जिलाधिकारियों ने कोरोना की तीसरी लहर की आहट के बीच इसकी तैयारियों को लेकर भी जानकारी दी. सभी जिलाधिकारियों ने कहा कि एक्टिव केस की संख्या लगातार कम हो रही है. ऑक्सीजन की डिमांड भी कम हो रही है. ग्रामीण इलाकों में कोरोना बढ़ा है लेकिन इसे लेकर भी राज्य सरकार ने ट्रैसिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट की नीति बनायी है. होम आईसोलेशन के मरीजों को कोविड कंट्रोल सेंटर के जरिए उचित मार्गदर्शन और इलाज मुहैया करवाया जा रहा है.

DM e-कॉन्क्लेव में बदायूं की डीएम का वीडियो संदेश, जानें क्या कहा?

DM e-कॉन्क्लेव में बदायूं की डीएम दीपा रंजन ने वीडियो संदेश भेजा है. दरअसल जीपा रंजन का परिवार कोरोना पॉजिटिव है, इसलिए वे कार्यक्रम में नहीं जुड़ पायी लेकिन जिले में कोरोना की तैरारियों को लेकर उन्होंने वीडियो संदेश जरूर भेजा. वीडियो संदेश में डीएम दीपा रंजन ने कहा- हमने कोरोना कर्फ्यू और आशंकि लॉकडाउन का पालन करवायाा जा रहा है. सभी क्षेत्रों को सैनिटाइज़ किया जा रहा है, कन्टेनमेंट जोन बनाए जा रहे हैं. इसके साथ गी लोगों को मास्क और सामाजिक दूरी के लिए जागरुक किया जा रहा है. समाज के अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों की मदद भी ली जा रही है. संक्रमित व्यक्ति के उपचार के लिए भी काम कर रहे हैं. कोविड कमांड सेंटर के जरिए होम आईसोलेशन में मरीजों से संपर्क किया जा है. रैपिड रेस्पॉन्स टीम का भी गठन किया गया है. आरआर टीम के जरिए मेडिकल किट भी भेजी जा रही है. ग्रामीण इलाकों के लिए भी ग्राम समितियों से घर घर सर्वे करवाया जा रहा है. अगर किसी व्यक्ति में लक्षण पाए जाते हैं तो निगरानी समिति मेडिकल किट उपलब्ध करवाती है. इसके बाद उनकी जांच करवायी जाती है. बाहर से आने वालों लोगों के लिए रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन पर टेस्टिंग की व्यवस्था की गई है.

भदोही की डीएम ने बताया- लगाातार निगरानी से कम हुए मरीज, ग्रामीण इलाकों में बिना देरी पहुंच रही एंबुलेंस

DM e-कॉन्क्लेव में अब भदोही की डीएम आर्यका अखौरी जुड़ी हैं. डीएम आर्यका अखौरी ने बतााया- भदोही में हमने में टेस्ट, आईसोलेट और इलाज करने की रणनीति पर काम किया है. इसका हमें अच्छा रिजल्ट भी मिला है. हमारे यहां सिर्फ 720 एक्टिव केस रह गए हैं. इसमें 600 के करीब केस होम आईसोलेशन में हैं. पॉजिटिविटी रेट लगातार हम हो रही हैं. निगरानी समितियां, आरआर टीम भी लगातार निगरानी कर रही हैं. उन्हें जरूरी दवाइयां दी जा रही हैं. ग्रामीण इलाकों के मरीजों के लिए भी व्यवस्था की गई है. हल्के लक्षण वाले मरीजों को घरों पर ही इलाज करवाने को कहा जा रहा है. वहीं अगर किसी ही हालत गंभीर होती है तो वो कंट्रोल रूम में काम करके एंबुलेंस के लिए कह सकता है. वहां से उन्हें प्राइवेट या सरकारी अस्पताल में ले जाया जा सकता है. होम आईसोलेशन के लिए आरआर टीम सबसे पहले एक्टिव होती है. इसके बाद लगातार कंट्रोल रूम से भी परामर्श दिया जाता है.

हमीरपुर के डीएम बोले- टार्गेट से ज्यादा टेस्टिंग, वैक्सीन को लेकर भ्रम दूर कर रहे

DM e-कॉन्क्लेव में अब हमीरपुर के डीएम ज्ञानेश्वर तिवारी जुड़े हैं. डीएम ज्ञानेश्वर तिवारी ने बताया- हमीरपुर ग्रामीण आबादी वाला जिला है. आज की तारीख में हमारे यहां 328 एक्टिव केस हैं. इनमें से 45 अस्पताल में भर्ती है, 260 होम आईसोलेशन में हैं. हम लगातार ट्रैसिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट कर रहे हैं. हमारा टेस्टिंग का टार्गेट 1500 का है लेकिन हम रोजोना इससे ज्यादा टेस्ट कर रहे हैं. दूसरी लहर के बाद से लोगों में टीकाकरण को लेकर थोड़ी आशंकाएं बनी हैं. लेकिन हम लगातार अलग अलग टीमें बना कर उन्हें जागरुक करने का काम कर रहे हैं. हमें सफलता भी मिल रही है, हम धीरे धीरे टार्गेट की तरफ बढ़ रहे हैं. जिले में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है.

कौशांबी के डीएम बोले- हमारे पास चार दिन का ऑक्सीजन बैकअप, नए मरीज कम हुए

DM e-कॉन्क्लेव में अब कौशांबी के डीएम अमित कुमार सिंह जुड़े हैं. डीएम अमित कुमार सिंह ने बताया- कौशांबी में एक्टिव केस की संख्या घटकर 160 हो गए हैं. इनमें से 120 मरीज होम आईसोलेशल में हैं. हम लोग रोजोना करीब दो हजार के करीब टेस्ट कर रहे हैं. रोजोना नए मरीजों की संख्या अब दस से 12 नए केस ही सामने आ रहे हैं. ऑक्सीजन की डिमांड की बात है तो हमारे पास एलटू श्रेणि के 100 बेड हैं. हमारे पास ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. हमारे पास अगले चार दिन के लिए ऑक्सीजन का बैकअप है. होम आईसोलेशन के लिए भी हम ऑक्सीजन उपलब्ध करवा रहे हैं. ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर भी हमारे पास उपलब्ध हैं. इसके साथ ही ऐसी स्थिति भी नहीं है कि हम अपने जिले के मरीजों को इलाज के लिए बाहर भेज रहे हों. हमने टेलिमेडिसिन की सुविधा दी है, इसमें कोविड के अलावा किसी भी बीमारी के लिए सहायता ली जा सकती है. 

कानपुर नगर के डीएम बोले- नए केस में पहले मुकाबले काफी कमी, ऑक्सीजन की मांग भी घटी

 


कानपुर नगर के डीएम महेंद्र कुमार DM e-कॉन्क्लेव से जुड़े हैं. डीएम महेंद्र कुमार ने बताया कि  कानपुर नगर में एक्टिव केस पहले की तुलना में घटकर आधे रह गए हैं. आज करीब छह हजार के करीब एक्टिव केस हैं, पहले यह संखया 18-20 हजार तक थी. लेकिन पिछले दस दिन से नए मरीज 300 के करीब आ रहे हैं. कोरोना कंट्रोल के लिए हमने कुछ कदम उठाए हैं. इसके लिए हमने आरआर टीम तैनात की हैं, जो कॉन्टैक्ट ट्रैसिंग का काम कर रही हैं. इसके बाद हम तय करते हैं कि किन मरीजों को होम आईसोलेशन में रखना और किसे अस्पताल में भेजना है. होम आईसोलेशन में रह रहे मरीजों के लिए मेडिकल किट दी जााती है. इसके बाद कंट्रोल रूम से लगातार उनसे संपर्त किया जाता है. वहीं गंभीर रूप से बीमार मरीजों को तत्काल एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया जाता है. शुरू में कानपुर नगर में ऑकसीजन की डिमांड 125 मीट्रिक टन था लेकिन आज प्रति बेड ऑक्सीजन की डिमांड घटती जा रही है. हमारी डिमांड घटकर अब 60 मीट्रिक टन तक आ गई है. इस डिमांड को हम तीन तरह की श्रेणि में बांटते हैं. कोविड, नॉन कोविड और होम आईसोलेशन में बांट कर हम देखते हैं कैसे आपूर्ति की जाा सकती है. आज की तारीख में बेड और ऑक्सीजन की कानपुर नगर में कोई कमी नहीं है.

देवरिया के डीएम बोले- 80% टेस्टिंग सिर्फ ग्रामीण इलाकों में, पहले काफी कम हुआ संक्रमण

DM e-कॉन्क्लेव से अब देवरिया के डीएम आशुतोष निरंजन जुड़े हैं. डीएम आशुतोष निरंजन ने बतााया- देवरिया में स्थिति काफी बेहतर हुई है, इसका मेन कारण है कि हमने उन इलाकों को चिन्हित किया जहां संक्रमण ज्यादा था. इसके बाद हमने सर्विलांस को काफी तेज किया. इसमें घर घर जाकर टीम सर्वे करती थी. इसके बाद हमने कोरोना संदिग्धों की लिस्ट बनायी और इसके बाद बड़े पैमाने पर टेस्टिंग करवायी. रोजोना करीब 3500-4000 टेस्टिंग करवा रहे हैं. इसमें भी 80 प्रतिशत ग्रामीण इलाकों में है. अधिकारियों को भी इसके लेकर विस्तार से निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही थोड़े बहुत लक्षण दिखने वालों को मेडिकल किट दी जा रही है. होम आईसोलेशन में इस वक्त करीब 22 सौ के करीब मरीज हैं. होम आईसोलेशन में मरीजों के घर पर पहले, तीसरे और सातवें दिन एक टीम दौरा करती है. इसमें कोई दिक्कत होने पर उन्हें तुरंत एंबुलेंस भेज कर अस्पताल भेजा जाा रहा है. इसके साथ ही कोविड कंट्रोल रूम से भी फोन के जरिए उनकी स्थिति की समीक्षा की जा रही है.

डीएम भानुचंद्र गोस्वामी- पहले काफी कम हुआ संक्रमण, सम्मान अंतिम संस्कार को लेकर दिए निर्देश

प्रयागराज के डीएम भानुचंद्र गोस्वामी DM e-कॉन्क्लेव से जुड़े हैं. डीएम भानुचंद्र गोस्वामी ने बताया- प्रयाग राज में एक वक्त कोरोना का काफी ज्यादा संक्रमण था. रोजाना करीब दो हजार केस आ रहे थे. लेकिन अब संक्रमण कम हुआ है, अब करीब 200 केस आ रहे हैं. हमारी कोशिश है कि इसे शून्य पर लाया जाए. अगली लहर को लेकर भी हमने तैयारियां शुरू कर दी गईं हैं. ट्रिपल टी की नीति को आक्रामक रूप से अपनाया गया है. जिले में 550 आरआर टीम काम कर रही हैं. जो भी मरीज पॉजिटिव आता है तो उसके घर जाकर उनकी स्थिति की समीक्षा कर आगे जैसा भी जरूरी होता है कदम उठाते हैं. इसके साथ ही गंभीर रूप से बीमार मरीजों को अस्पताल लाने की पूरी व्यवस्था की गई. प्रदेश में कई हिस्सों में ऑक्सीजन की कमी की खबरें आयीं. लेकिन प्रयागराज में ऐसी कोई दिक्कत कभी नहीं आयी. गंगा में शवों को लेकर राष्टीय स्तर पर भी मुद्दा उठाया गया. लेकिन प्रयागराज में अभी तक ऐसी कोई स्थिति सामने नहीं आयी है. लेकिन आगे भी ऐसी कोई स्थिति ना आए उसके लिए हमने कदम उठा रहे हैं. अगर किसी के यहां ऐसी परंपरा है तो उन्हें भी मना कर रह हैं कि ऐसा ना करें. मृतकों के सम्मान अंतिम संस्कार को लेकर भी निर्देश दिए गए हैं. ऐसी किसी स्थिति में कोई मुनाफाखोरी ना करे, किसी को अमानवीय स्थिति का सामना ना करना पड़े, इसे लेकर सख्त निर्देश दिए गए हैं.

जौनपुर के डीएम बोले- पोर्टल पर बेड की पूरी जानकारी, थ्री टी लागू कर रहे हैं

जौनपुर के डीएम मनीष कुमार वर्मा DM e-कॉन्क्लेव से जुड़े हैं. डीएम मनीष कुमार वर्मा ने कहा- जौनपुर में आज की तारीख में एक्टिव केस 2580 के करीब हैं. जब कोरोना अपने पीक पर चल रहा था तब हमारे जिले में एक्टिव केस 5600 के करीब थे. अभी एक्टिव केस आधे से भी कम हो गयी है. वहीं दूसरी ओर संक्रमण की रफ्तार भी कम हुई है. हम लगातार टेस्ट बढ़ा रहे हैं, एक दिन में करीब नौ हजार के करीब टेस्ट हो रहे हैं. जिले में बेड की संख्या की बात करें तो 700 हमारे एलटू स्तर के बेड तैयार हैं. एलवन स्तर के भी 285 बेडड तैयार हैं. इस हिसाब से हमारे पास करीब 985 बेड तैयार हैं. हमने एक ऑनलाइन पोर्टल जारी किया है, इस पर कोई भी जाकर बेड की स्थिति देख सकता है. कंट्रोल रूम से भी लगातार बेड को लेकर जानकारी दी जा रही है. टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट बहुत अचच्छी तरह से काम कर रहा है. हमने करीब तीन हजार टीमें बनायी. इन टीमों ने पांच दिनों तक घर घर जाकर सर्वे किया. इसके बाद आरआरटी की 234 टीमें भी जाकर निगरानी कर रही हैं.

मिर्जापुर के मंडल आयुक्त बोले- सेकेंड वेव में नहीं हुई कोई दिक्कत, ऑक्सीजन की डिमांड भी घट रही है

DM e-कॉन्क्लेव से अब मिर्जापुर के मंडलायुक्त योगेश्वर राम मिश्रा जुड़े हैं. मिर्जापुर के मंडलायुक्त योगेश्वर राम मिश्रा ने कहा- मिर्जापुर मंडल की बात करें तो सक्रिय लोगों की संख्या तीन हजार से कम हो गयी है. पिछले दो सप्ताह में शुरुआत में थोड़ी संख्या बढ़ी लेकिन उसके बाद से नए मरीजों की संख्या कम हो गयी है. मंडल में ऑक्सीजन की डिमांड में भी कमी आयी है. दूसरी लहर की पीक के दौरान हमें ना तो बेड की दिक्कत हुई ना ही ऑक्सीजन की दिक्कत हुई, स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. आरआरटी टीमें भी पूरी तरह एक्टिव हैं. मैंने भी पीपीई किट पहन कर कोविड अस्पताल में जाकर एक एक मरीज से उनका हाल पूछा है. हम जल्द ही और भी स्थिति में होंगे. मिर्जापुर में अभी साठ लोग ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं, भदोही में यह संख्या 38 है. सोनभद्र में यह संख्या ज्यादा थी लेकिन वहां भी संख्या में कमी आई है. सोनभद्र में 80 मरीज एलटू अस्पताल में भर्ती हैं.

फतेहपुर की डीएम बोलीं- ग्राम निगरानी समिति के जरिए गावों पर नजर, बेड की कमी नहीं

फतेहपुर की डीएम अपूर्वा दुबे DM e-कॉन्क्लेव से जुड़ी हैं. डीएम अपूर्वा दुबे ने बताया- फतेहपुर में कुल एक्टिव केस 350 हैं, इसमें 286 केस होम आईसोलेशल में हैं. होम आईसोलेशल के मरीजों की लगातार निगरानी की जा रही है. कमांड सेंटर में शिफ्ट के हिसाब से डॉक्टर और अन्य कर्मचारी होम आईसोलेशन के मरीजों से संपर्क कर रहे हैं. हमारे पास कुल बेड 325 है, हमने प्राइवेट पांच अस्पतालों का चयन किया है, इन्हें एलटू स्तर पर विकसित किया है. हमारे पास एलटू अस्पताल में सिर्फ 23 मरीज ही भर्ती हैं. ग्राम निगरानी समिति के जरिए भी लगातार ग्रामीण इलाकों में नजर रख रहे हैं. लक्षण दिखने पर बिना देरी के इलाज शुरू हो सके, इसके लिए तुरंत मेडिकल किट दी जा रही है. 

DM e-कॉन्क्लेव: नवनीत सहगल बोले- UP की कोशिशों की WHO ने की तारीफ, मुख्यमंत्री लगातार नजर रख रहे

DM e-कॉन्क्लेव में अब विशेष मेहमान जुड़े हैं, यह मेहमान उत्तर प्रदेश के ACS सूचना नवनीत सहगल हैं. एसीएस नवनीत सहगल ने बताया- उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री के निर्देश पर ट्रैस, ट्रैक और ट्रीट की नीति बनी है. इसमें हमारी टीमें गांव में घर घर जाकर, लक्षण वाले व्यक्तियों को तलाश रहे हैं. अगर ऐसे लोग मिल रहे हैं तो आरआरटी टीम के जरिए उनका एंटीजन टेस्ट किया जा रहा है. इसके साथ ही सभी को मेडिकल किट भी उपलब्ध करवाई जा रही है. यह रणनीति कितनी सफल है इसे आंकड़ों से समझिए- तीस अप्रैल को उत्तप प्रदेश में तीन लाख दस हजार एक्टिव केस थे, वो आज घटकर एक लाख 77 हजार 143 रह गए हैं. तीस अप्रैल को अड़तीस हजार केस आ रहे थे वो केस आज 12 हजार के करीब आए हैं. उत्तर प्रदेश ने इतनी बड़ी जनसंख्या होने बावजूद जो जो मॉडल पेश किया है, इसकी सरााहना हो रही है. WHO की टीम भी ने भी हमारी सराहना की है. WHO की टीम भी हमारे  ट्रैस, ट्रैक और ट्रीट की नीति की समीक्षा कर रही है. इसके साथ ही जो आंशिक कर्फ्यू लगा है उसका भी फायदा मिला है. इतनी बड़ी जनसंख्या के प्रदेश में ऐसी रणनीति मुख्यमंत्री के नेतृत्व और कमिटमेंट को दिखाता है. प्रदेश में बेड की संख्या लगाातार बढ़ रही है, मार्च से अब तक तीस हजार बेड अतिरिक्त बढ़े हैं. नॉन ऑक्सीजन बेड को भी ऑक्सीजन बेड में बदलने की कोशिश की जा रही है. सामान्य तौर पर तीन सौ मीट्रिन टन ऑक्सीजन सप्लाई होती थी, कल 11 सौ मीट्रिक टन सप्लाई हुई है. ऑक्सीजन के टैंकर को जीपीएस लगाकर ट्रैक किया जा रहा है. नीति आयोग ने भी इसकी तारीफ की है. इसके साथ ही बचाव के लिए टीकाकरण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है. अभी तक प्रदेश में एक करोड़ चवालीस लाख डोज दी जा चुकी हैं. 18 से 44 साल के लोगों के लिए टीकाकरण को तेज किया गया है. सोमवार से 23 जिलों में 18 से 44 साल के लोगों टीका लगने लगेगा. ब्लैक फंगस को लेकर भी मुख्यमंत्री ने सुझाव लेकर इस बीमारी को लेकर एक गाइडलाइंस जारी की है.

कानपुर देहात के डीएम बोले- लक्ष्य से ज्यादा टेस्ट कर रहे, होम आईसोलेशन पर विशेष ध्यान

कानपुर देहात के डीएम जीतेंद्र प्रताप सिंह DM e-कॉन्क्लेव से जुड़े हैं. डीएम जीतेंद्र प्रताप सिंह ने कहा- कानपुर देहात अपेक्षाकृत रूप से पिछला हुआ है, कानपुर नगर के नजदीक है लेकिन उतना विकास नहीं हुआ. बीस लाख की आबादी वाले जनपद में हमारे सामने चुनौती थी कि हम ऐसी सुविधाएं दें कि कानपुर नगर पर निर्भरता ना रहे. वर्तमान में 561 कोरोना पॉजिटिव पेशेंट बचे हैं. हमने एल वन और एल टू दोनों स्तर के अस्पताल बनाए हैं. जिले में टेस्टिंस भी काफी बड़े पैमाने पर हुई है. हमारा दैनिक लक्ष्य 1350 का है लेकिन हमने 1500 के आस पास टेस्ट किए हैं. पूरे मंडल में हमारी स्थिति बेहत अच्छी है. हमारा पॉजिटिविटी रेट 1.2 प्रतिशत है और मृत्यु दर एक प्रतिशत से भी कम है. 

बिजनौर के डीएम बोले- गांवों पर है पूरा फोकस, जल्द से जल्द इलाज प्राथमिकता

बिजनौर के डीएम रमाकांत पांडे DM e-कॉन्क्लेव से जुड़े हैं. डीएम रमाकांत पांडे ने कहा- पिछले दो हफ्तों में औसतन 400 के करीब नए केस आ रहे थे यह अब घटकर 200 से नीचे हो गई है. बिजनौर ग्रामीण आबादी वाला जिला है, जिले में 2626 एक्टिव केस हैं. हम लोग लगातार टेस्टिंग कर रहे हैं. हमारी कोशिश है कि नए केस जो घटने शुरू हुए हैं. यह ट्रेंड आगे भी बना रहे. ट्रैसिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट के साथ साथ कन्टेनमेंट बहुत सफल हो रहा है. गांव में लोग बहुत देर से मानते हैं कि उन्हें कोरोना है. कोरोना के मरीज को जल्द इलाज मिलना जरूरी है. इसलिए हमारी आरआरटीम तुरंत उस तक पहुंचती है और अगर जरूरत पड़ती है तो अस्पताल भी पहुंचाते हैं. बिजनौर में अभी एक एलटू स्तर का अस्पताल जिला अस्पताल में संचालित है. दो प्राइवेट अस्पताल भी एलटू लेवल के चल रहे हैं. कुल 155 बेड हैं जिस पर 109 मरीज हैं एलटू स्तर के हैं. एलटू स्तर के मरीज को ऑक्सीजन उपलब्ध करवाना हमारी प्राथमिकता है. 

गाजीपुर के डीएम बोले- पॉजिटिविटी रेट घटकर 2.5% हुआ, होमआईसोलेशन पर भी नजर

गाजीपुर के डीएम मंगला प्रसाद सिंह DM e-कॉन्क्लेव से जुड़े हैं. डीएम मंगला प्रसाद सिंह ने कहा- जनपद गाजीपुर में दूसरी लहर को लेकर हमरी व्यवस्था ठीक है. मई के पहले हफ्ते में हमारा पॉजिटिविटी रेट बढ़ा था लेकिन अब यह घटकर 2.5 प्रतिशत पर आ गया है. हमारे जनपद में एक्टिव केस 2719 हैं, हमारा प्रयास है कि सभी एक्टिव केस तक टीमें भेज कर मेडिकल किट भिजवाएं. हमने मोबाइल टीम की संख्या बढ़ायी है, किसी को अस्पताल तक आने की जरूरत नहीं है. हमारा प्रयास है कि कन्टेनमेंट जोन और होम आईसोलेशन का पालन करें. कंट्रोल रूम भी 24 घंटे काम कर रहे है, हमारी टीम होम आईसोलेशन के मरीजों से बात करते हैं. जरूरत पड़ने पर हम होम आईसोलेशन में डॉक्टर को भी भेजते हैं. अगर किसी को टेलिमेडिसिन की जरूरत है तो उसके लिए भी हमने इंतजाम किए हैं. आरआर टीम भी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. इसके लिए हमने निगरानी समितियों के साथ साथ, आस पास के प्रतिष्ठित लोगों के जरिए भी हम लोगों को जागरुक करने का काम कर रहे हैं. लोग फोन करके बता रहे हैं कि आप अपनी टीम भेजिए और दवाइयां भेजिए.

झांसी के डीएम आंद्रा वामसी बोले- जिले में 4500 एक्टिव केस, दवाइओं-ऑक्सीजन की कमी नहीं

DM e-कॉन्क्लेव में झांसी के डीएम आंद्रा वामसी जुड़े हैं. डीएम आंद्रा वामसी ने बताया- पिछले दस दिनों में पॉजिटिविटी रेट में कमी आयी है, यह पांच प्रतिशत तक आ गया है. जिले में करीब 4500 एक्टिव केस हैं, इनमें से 3200 लोग होम आईसोलेशन में हैं. 1200 लोग अस्पताल में भर्ती हैं. कंट्रोल रूम से होम आईसोलेशन के मरीजों पर नजर रखी जा रही है. सोशल मीडिया के जरिए भी लोगों को मेडिकल किट उपलब्ध करवायी जा रही है. जिले में अलग अलग अस्पतालों में बेड की जानकारी के लिए हमने पोर्टल बनाया है, जहां से इसकी जानकारी मिल सकती है. शुरू में ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर को लेकर दिक्कत हुई थी लेकिन अब कोई दिक्कत नहीं थी. रेमडेसिविर मिलने में लोगों को थोड़ी देर जरूर हो सकती है लेकिन ऐसा नहीं है कि किसी को ना मिली हो. हमने जिले में दो प्लाज्मा बैंक भी स्थापित किए हैं.

औरैया के डीएम बोले- ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं, जल्द लगेंगे दो प्लांट

DM e-कॉन्क्लेव में औरैया के डीएम सुनील कुमार वर्मा जुड़े हैं. डीएम सुनील कुमार वर्मा ने बताया- अभी कुल एक्टिव केस 1456 हैं, यहां की मृत्यु दर 1.4 प्रतिशत है. अभी हमारे पास एलटू श्रेणि के 300 बेड हमारे पास उपलब्ध हैं, अभी हमाारे पास इनमें सिर्फ 85 मरीज ही हैं. हमारे पास ऑक्सीजन की भी कोई कमी नहीं है. कालाबाजारी को लेकर भी कार्रवाई की गयी है. इसके साथ ही मरीजों के तीमारदारों के लिए भी इंतजाम किए गए हैं. टीकाकरण को अभियान के तौर पर चलाया जा रहा है. लोगों में टीके को लेकर जो भ्रांतियां उन्हें दूर किया जा रहा है. टीकाकरण और कोरोना को लेकर भ्रम फैला रहे लोगों को खिलाफ महामारी एक्ट में कार्रवाई भी की गयी है. अभी औरैया में सिर्फ 45 साल से ऊपर के लोगों को ही वैक्सीन लग रही है. आरटीपीसीआर टेस्ट के सैंपल सैफई मेडिकल कॉलेज में जाते हैं, लेकिन हम एक स्थानीय लैब की भी स्थापना भी जा रही है. औरैया में दो ऑक्सीजन प्लांट की मंजूरी मिली है. यह लगने के बाद 200 बेड पर पाइप से ऑक्सीजन मिल सकेगी. ऑक्सीजन की कमी से किसी भी मरीज को कोई दिक्कत नहीं है. होम आईसोलेशन में मरीजों को भी हम ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध करवा रहे हैं.

बागपत के डीएम बोले- कम हो रहा है संक्रमण, हल्के लक्षण वाले मरीज ज्यादा 

DM e-कॉन्क्लेव में अगले मेहमान हैं, बागपत के डीएम राजकमल यादव जुड़े हैं. डीएम राजकमल यादव ने बताया- हमारे पास वर्तमान में 1931 एक्टिव केस हैं. 511 बेड उपलब्ध हैं, इसमें 128 बेड पर ऑक्सीजन पाइप लाइन के साथ और 116 बेड ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ बेड उपलब्ध करवा रहे हैं. हमारा रिकवरी रेट 87 प्रतिशत के आसपास है. प्रशासनिक तौर पर देखा जाए तो संक्रमण अब कंट्रोल में है. लोगों में भी कोरोना को लेकर जागरुकता आयी है. हमारी तीन तहसीलों में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि बागपत में होम आईसोलेशन के मरीजों के पास कोई कमी नहीं है. हमारी डॉक्टरों की एक टीम उनकी समस्याओं को लेकर सक्रिय है. गावों में गन्ने की खेती की कार्यकुशलता को हमने अपनी ताकत बनाया है. हमने ट्रैक्टर का इस्तेमाल किया है. इसके साथ ही सेनेटाइजेशन का काम भी किया जा रहा है. आरआरटी टीम भी लगाातार सक्रियता से काम कर रही हैं. किसी में भी लक्षण दिखने पर दवाइयों की किट जा रही है. अगर कोई घर इससे छूट जा रहा है तो उसके लिए हमने 11 ऐसे केंद्र बनाए हैं जहां से इन दवाइओं को लिया जा सकता है. 

अयोध्या के डीएम बोले- गांव गांव हो रही ट्रेसिंग, धीरे धीरे घट रहा है संक्रमण

DM e-कॉन्क्लेव में अब अयोध्या के डीएम अनुज कुमार झा जुड़ गए हैं. डीएम अनुज कुमार झा ने बताया- पिछले महीने यहां रामनवमी का त्योहार था, आसपास के जिले से भी लोग यहां आते हैं. हमारे लिए चुनौती थी कि भीड़ ना होने दें, इसलिए 16 तारीख से ही जिले में लोगों की एंट्री को लेकर सख्ती की गयी थी. इसका रिजल्ट अच्छा रहा. आसपास के बड़े जिलों में केस आ रहे थे लेकिन हमारे यहां इतने केस नहीं आए. मुख्यमंत्री के निर्देश पर ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग की गयी. इसके साथ ही ट्रेसिंग और ट्रैकिंग का काम तेजी से किया गया. हमारी 36 आरआरटी टीम ट्रैसिंग और ट्रैकिंग का काम बहुत ज्यादा सक्रियता से कर रही हैं. अयोध्या में कभी बहुत ज्यादा गंभीर स्थिति नहीं रही. जिले में पॉजिटिविटी रेट भी पहले से काफी कम हुआ है. स्थिति में सुधार है लेकिन हम ढीलल नहीं दे सकते. मेडिकल कॉलेज में 200 बेड का अस्पताल चल रहा है, 160 बेड कोविड के लिए हैं और 60 आईसीयू बेड हैं. इसके अलावा एक और हमने 100 बेड का अस्पताल शुरू किया है. पांच और प्राइवेट अस्पतालों को भी टेकओवर करके कोविड अस्पताल में बदला गया है. अभी हम कुल 400 बेड कोविड के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. आज कोई भी मरीज ऐसा नहीं है जिसे बेड की जरूरत हो और उसे बेड ना मिल पाए.

बांदा के डीएम बोले- मई के आखिर तक चालू होगा ऑक्सीजन प्लांट, कालाबाजारी पर नजर

रामपुर के बाद बांदा के डीएम आनंद कुमार सिंह DM e-कॉन्क्लेव में जुड़े हैं. डीएम आनंद कुमार सिंह ने बताया- बांदा में आज की तारीख में कुल 869 सक्रिय कैस हैं, 95 मरीज एलटू फैसिलिटी में एडमिट हैं. अब तक दूसरी लहर में 6706 लोग संक्रमित हुए, इनमें से 5776 लोग ठीक हो कर घर चले गए. हम लोगों ने इससे निपटने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं. हमने 71 न्याय पंचायतों में सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात किए हैं. जो भी लक्षण वाले मरीज दिखते हैं उन्हें दवाइओं की किट दी जाती हैं. इससे अगर प्रारंभिक अवस्था में इसे रोक लेते हैं तो स्थिति गंभीर नहीं होती. इसके साथ ही मोहल्ला समिति और निगरानी समिति भी ऐसे लोगों पर नजर रख रही हैं जिनमें थोड़े बहुत लक्षण भी दिखे. ऑक्सीजन का कोई प्लाांट बांदा में नहीं है, हमें हमीरपुर के ऑक्सीजन प्लांट से ऑक्सीजन मिल रही थी. लेकिन अब जिले में तीन प्लांट को मंजूरी मिली है, जो मई के आखिरी तक चालू हो जाएंगे. इसमें पीएम केयर्स से भी ऑक्सीजन प्लांट शामिल हैं. जनपद में जरूरी दवाइओं की कोई दिक्कत नहीं है. कालाबाजारी पर नजर बनाए हुए हैं. 

मुजफ्फर नगर की डीएम बोलीं- निगरानी समितियों के जरिए नजर रख रहे हैं

DM e-कॉन्क्लेव में अब मुजफ्फर नगर की डीएम सिल्वा कुमारी जे जुड़ गयी हैं. डीएम सिल्वा कुमारी जे ने बताया- हमारे यहां कोरोना के केस अप्रैल के आखिर में बढ़ने शुरू हुए हैं. दूसरी लहर को देखते हुए हमने अस्पतालों में बेड बढ़ा दिए. इसके साथ ही स्थानीय स्तर पर हमने बेड बढ़ाए हैं. इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज में भी ऑस्कीजन स्टोर करने की व्यवस्था की है. अभी जनपद में ऑक्सीजन और बेड की कोई कमी नहीं है. ग्रामीण इलाकों में इस लहर में केस बढ़ रहे हैं. इसके लिए हमने गांवों में निगरानी समिति की नियुक्ति की है. जिनमें भी लक्षण दिख रहे हैं उन्हें दवाइयां दे रहे हैं. इसके साथ ही इनकी लगातार निगरानी से इन्हें जरूरत पड़ने पर समय से अस्पताल पहुंचाया जा रहा है.

लखनऊ के डीएम बोले- दवाइयों और सुविधाओं की कमी नहीं, अफवाह फैलाने वालों पर हो रहा एक्शन

वाराणसी के बाद लखनऊ के डीएम अभिषेक प्रकाश DM e-कॉन्क्लेव से जुड़े हैं. डीएम अभिषेक प्रकाश ने बताया- लखनऊ के शहरी क्षेत्र की आबादी 50 लाख के करीब है और ग्रामीण इलाकों में भी आबादी करीब 25 लाख है. लखनऊ में अप्रैल में पजिटिविटी रेट पीक पर था, जो करीब 30 के ऊपर गया था. वर्तमान में 14 मई को पजटिविटी रेट चार से नीचे आ गया है. अब 24 घंटे में करीब 650 के करीब नए केस आ रहे हैं. हम ट्रिपल टी फॉर्मूले पर आगे बढ़ रहे हैं. प्राइवेट लैब्स में हमेशा टेस्टिंग हुई है, इसके साथ ही घर घर जाकर भी सैंपल लिए हैं. आर हमारे पास 211 आरआरटी हैं, इसके साथ ही चेतक आरआरटी की भी व्यवस्था की है. इसके साथ ही 35 से ज्यादा प्राइवेट लैब्स लगातार काम कर रही हैं. अगर कोई पॉजिटिव दिखता है और कोई भी लक्षण दिखता है तो आरआरटी टीम उसे दवाई की किट देकर इलाज शुरू कर देती है. लखनऊ में ऑक्सीजन हमारी डिमांड 140 टन की है और आपूर्ति अभी 160 टन है. ऑक्सीजन का अस्पतालों को बैकअप 36 घंटे तक है. बीच में जरूर कुछ दिक्कतें भी आयीं, कुछ लोगों ने इसे लेकर अफवाहें भी फैलायी गईं. आज लखनऊ में रोज सुबह ऑक्सीजन की स्थिति समीक्षी की जाती है. लखनऊ का कंट्रोल रूम 24 घंटे काम कर रहा है, इसमें वरिष्ठ अधिकारी और डॉक्टर भी शामिल हैं. इसके साथ ही सिर्फ ऑक्सीजन के लिए अलग से कंट्रोल रूम बना रखा है. हम कुछ एनजीओ के संपर्क में भी हैं, यह लोग जिन्हें जरूरत हैं उन तक ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचा रहे हैं. कोरोना से जुड़ी दवाइयों के लिए डॉक्टर का पर्चा जरूरी है. इसके साथ ही नजर रखी जा रही है कि कोई जरूरी दवाओं की जमाखोरी या कालाबाजारी तो नहीं कर रहा. ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है. लखनऊ में दवाइयों और सुविधाओं की कोई कमी नहीं है.

वााराणसी के डीएम ने और क्या कहा?

वाराणसी के डीएम डीएम कौशल राज शर्मा  ने बताया प्रधानमंत्री जी ने कोविड के पहले दिन से हमें मार्गदर्शन मिल रहा है. पीएमओ के अधिकारी लगातार हमारे संपर्क में हैं. प्रधानमंत्री जी ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए स्थिति की समीक्षा की. यहां से रिपोर्ट लगातार प्रधानमंत्री जी से पास भेजी जाती हैं. ऑक्सीजन की आवश्यकता होने पर वाराणसी जिले 1050 सिलेंडर अपने लिए खरीदे. 20 वेंटिलेटर यूपी सरकार से मिले, 25 वेंटिलेटर भारत सरकार से मिले. 30 अप्रैल को वाराणसी के एक अस्पताल में लग गया था. इसके अलावा दो अन्य अस्पतालों में भी ऑक्सीजन प्लांट चालू हो गया है. तीसरी लहर को लेकर भी प्रधानमंत्री जी ने निर्देश दिए हैं, उन पर काम हो रहा है.

वाराणसी के डीएम बोले- पीएम मोदी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं, तीसरी लहर को लेकर तैयारियां शुरू

DM e-कॉन्क्लेव में अब वाराणसी के डीएम कौशल राज शर्मा जुड़ गए हैं. डीएम कौशल राज शर्मा ने बताया- वर्तमान में वाराणसी में एक्टिव केस सिर्फ 7700 हैं. पीक के समय यह संख्या 26-27 हजार के करीब हुआ करती थी. जो अभियाान चलाए हैं उनका परिणाम हुआ कि संक्रमण भी घटा और बेड और बाकी सुविधाओं को बढ़ाने में भी मदद मिली है. शुरू में हमें 10-12 एंबुलेंस की जरूरत पड़ती थी, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 38 किया गया. एंबुलेंस का रिस्पॉंस टाइम घटाकर आठ से दस मिनट है. बड़े अस्पतालों में हमने हेल्प डेस्क भी बनायी, इनसे जुड़े लोग एंबुलेंस से मरीज को उतारने में मदद करते थे और रेस्पॉन्स टाइम को घटाने में मदद करते थे. जहां तक रेमेडसिविर की बात है तो वारणसी में अब तक औसत 700 रेमडेसिविर रोजाना बांटी है. हमें जो सरकारी सप्लाई मिलती थी, इसके अलावा हमने गुजरात की एक कंपनी के साथ भी रेमडेसिविर को लेकर करार किया था. रेमडेसिविर को लेकर हमने अस्पताल में उपलब्धता और कीमत को लेकर जानकारी दी. राज्य सरकार से आपूर्ति बढ़ने के बाद हमने अब कलेक्ट्रेट में स्टॉल लगाए हैं, कोई डॉक्टर का पर्चा लेकर रेमडेसिविर ले सकता है. जिले में कालाबाजारी के के सिर्फ दो चार मामले ही सामने आए. हमने कोरोना की किट 400 रुपये में कुछ निश्चित दुकानों पर उपलब्ध करवाई. वाराणसी में कोरोना कर्फ्यू, ग्रामीण इलाकों में दवाइयों का वितरण और बेड की संख्या बढ़ाने से भी कोरोना संक्रमण को कम करने में मदद मिली है. जो पॉजिटिविटी रेट बढ़ 38 प्रतिशत पर पहुंच गयी थी वो अब दस प्रतिशत से नीचे आ गयी है. अभी कुल ढाई हजार के करीब बेड हैं जिनमें से एक हजार बेड खाली हैं. गंगा में शवों की खबरें आने के साथ ही हमने सभी को सक्रिय कर दिया था. हम लोगों ने गांव स्तर पर टीम लगाकर हमने इस पर नियंत्रण किया. मिर्जापुर में जहां गंगा एंटर होती है और गाजीपुर में जहां से गंगा निकलती हैं वहां तक पांच चेक पोस्ट बनवाए. गंगा में नए शव ना बहाए जाएं उसे लेकर भी तैयारियां की गयी हैं. अगर कोई शव मिलता है को उसे सम्मानजनक तरीके से अंतिम संस्कार करवाया जाए. 

पीलीभीत के डीएम बोले- निगरानी समितियां काम कर रही हैं, तीसरी लहर को लेकर भी हम तैयार

DM e-कॉन्क्लेव में पीलीभीत के डीएम पुलकित खरे जुड़े हैं. डीएम पुलकित खरे ने बताया- पीलीभीत में 1859 एक्टिव केस हैं, इनमें से ज्यादातर होम आईसोलेशन में हैं. इन मरीजों को हम कंट्रोल रूम से देख रहे हैं. एक्टिव केस की संख्या में लगातार कमी आ रही है. हम लोग राज्य की नीति ट्रैस, ट्रैक और ट्रीक पर काम कर रहे हैं. हमारा कंट्रोल रूम तीन शिफ्ट में काम कर रहा है, इसमें लगातार 15 लोग काम करते हैं. जहां से भी मरीज की जानकारी मिलती है तो हम निगरानी समिति से संपर्क कर, मरीज को मेडिकल किट उपलब्ध करवाते हैं. लगातार निगरानी के जरिए मरीज की हालत खराब होने से पहले ही उन्हें अस्पताल पहुंचाया जाता है. दूसरी लहर के दौरान पीलीभीत में कभी दवाइयों की कमी नहीं हुई. रेमडेसिविर को लेकर भी डॉक्टरों के साथ बैठक की, डॉक्टर के पर्चे के आधार पर ही मरीजों को रेमडेसिविर उपलब्ध करवायी जा रही थी. तीसरी लहर को लेकर तैयारी करना बहुत जरूरी है. तीसरी लहर को लेकर कहा जा रहा है कि बच्चों के लेकर दिक्कतें बढ़ सकती हैं. हमने जिले से सभी बाल रोग विशेषज्ञों की लिस्ट बना ली है. जरूरत पड़ने पर उनकी मदद ली जाएगी. ऑक्सीजन को लेकर भी हम लोग पूरी तरह से तैयार हैं. जिले में 75 प्रतिशत एंबुलेंस कोविड के लिए काम कर रही हैं. प्राइवेट अस्पतालों की पचास प्रतिशत एंबुलेंस कोविड के काम में लगाई 

मुरादबाद के डीएम बोले- जिल में 7000 एक्टिव मरीज, तीसरी लहर को लेकर तीन गुना तैयारियां

DM e-कॉन्क्लेव में अब मुरादाबाद के डीएम राकेश कुमार सिंह जुड़े हैं. राकेश कुमार सिंह ने बताया- आज करीब 38393 के करीब हैं और 270 मौतें हुई हैं. हमारी मृत्यु दर एक प्रतिशत के करीब हैं. जिले में करीब सात हजार के करीब एक्टिव केस हैं, जिनमें छह हजार के करीब होम आईसोलेशन में हैं. आज हमारे पास 426 आईसीयू बेड हैं, 1200 के करीब ऑक्सीजन बेड हैं और 800 के करीब आईसोलेशन बेड हैं. हमने पिछली लहर के मुकाबले तीन गुना तैयारी की हैं. बेड को लेकर ऑनलाइन जानकाारी भी दी जा रही है. होम आईसोशलन में रह रहे मरीजों को कंट्रोल रूम से दिन में दो से तीन बार कॉल जाती है. कंट्रोल रूम को हमने चार हिस्सों में बांटा है. इसमें मरीज, मौत, सैनेटाइजेशन और एंबुलेंस मैनेजमेंट सिस्टम अलग है. इसके साथ ही ऑक्सीजन की दिक्कत मुरादाबाद में कभी नहीं थी. हमें राज्य सरकार से लगातार ऑक्सीजन की सप्लाई मिलती रही है. हमने ऑक्सीजन को लेकर भी अलग से हेल्पलााइन बनायी है. होम आईसोलेशन में जो मरीज हैं उनका ऑक्सीजन लेवल 94 से कम होने पर हम उन्हें सिलेंडर उपलब्ध करवा रहे हैं. आगामी लहर को देखते हुए 150-200 ऑक्सीजन बेड तैयार कर रहे हैं. इसके साथ ही 100 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर बेड भी बना रहे हैं. जिले में 22 जगहों पर टीका लग रहा है, अभी तक हम दस हजार के करीब 18 से ऊपर लोगों को टीका लगवा चुके हैं. जिले में कभी  भी दवाइयों और ऑक्सीजन की कमी नहीं हुई. कालाबाजारी करने वालों पर भी हमने सख्ती की है. हमने देखा है कि धीरे धीरे संक्रमण में कमी आ रही है. ग्रामीण इलाकों में जब प्रवासियों का आगमन शुरू हुआ तो हमने चार टीमें रेलवे स्टेशन पर और दो टीमें बस स्टेशन पर लगा दी थीं. इसके साथ ही हमने घर घर सर्वे भी करावाया है, आशा वर्कर घर घर जाकर सर्वे कर रही हैं. लक्षण पाए गए लोगों का तुरंत टेस्ट करवाया गया. जिले में कंटेनमेंट जोन की संख्या घटकर 248 हो गयी है.

अमरोहा के डीएम बोले- लगातार घट रहे कोरोना के आंकड़े, मृत्यु दर एक प्रतिशत से भी कम

DM e-कॉन्क्लेव में अब अमरोहा के डीएम उमेश मिश्रा जुड़े हैं. डीएम उमेश मिश्रा ने बताया- अमरोहा में अभी तक कुल 15 हजार के करीब मरीज दर्ज हुए जिनमें से 12 हजार के करीब मरीज ठीक हो चुके हैं. मत्युदर लगभर एक प्रतिशत से भी कम है. खुशी की बात है कि हमाा पजिटिविटी रेट बढ़कर 18 प्रतिशत पर पहुंच गया है वो घरकर पांच प्रतिशत तक आ गया है. लोगों में जागरुकता आयी है, लोग मास्क पहन रहे हैं और सोशल डिसटेंसिंग का भी पालन कर रहे हैं. जहां पहले 500-600 के करीब केस आ रहे थे वो अब सिर्फ 95-100 तक आंकड़ा आ गया है. पिछली पहल से इसकी तुलना करें तो पहले सिर्फ एल वन अस्पताल था, अब हमने एलटू अस्पताल बना लिया है. कई सामाजिक लोगों के सहयोग से हम ऑक्सीजन प्लांट स्थापित कर चुके हैं. तीन प्लांट हमने ऑर्डर किए हैं जो आने वाले पंद्रह दिन में स्थापित हो जाएंगे. हमारे पास ऑक्जीसन कंसंट्रेटर की भी उलप्धता है. अभी हम कह सकते हैं कि अमरोहा में ना तो ऑक्सीजन की कमी है और ही दवाओं की कमी है. होम आईसोलेशन में जो मरीज हैं, उनकी लगातार निगरानी कर रहे हैं. उन्हें मेडिकल किट उपलब्ध करवा कर तुरंत इलाज शुरू करवा रहे हैं. हमारा प्रयास है कि मौके पर दवाएं दी जाएं और उनका इलाज किया जाए.

संत कबीर नगर की डीएम ने कहा- ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं, लोगों में मास्क को लेकर जागरुकता आयी


प्रतापगढ़ के बाद संत कबीर नगर की डीएम दिव्या मित्तल  DM e-कॉन्क्लेव में जुड़ी हैं. दिव्या मित्तल ने बताया- इस वक्त जिले में 916 एक्टिव केस हैं. हमारी पॉजिटिविटी रेट बढ़कर दस के पार चली गयी थी लेकिन अब यह पांच प्रतिशत के अदर आ गया है. जब पिछली बार लहर आयी थी तब हमारे पास सिर्फ एल वन अस्पताल था लेकिन दूसरी लहर को देखते हुए हमने 100 बेड का एलटू अस्पताल बनाया. यहां एल थ्री स्तर की सुविधाएं देने की कोशिश कर रहे हैं. हमारे पास ऑक्सीजन की कमी नहीं है, हमारे पास ऑक्सीजन के 82 कंसन्ट्रेटर हैं. मेडिकल स्टाफ पूरी कोशिश कर रहा है, लोगों की मदद की जाए. सरकार ने हमें पूरी तरह से छूट दी है, उन्होंने हमें नियुक्ति के अधिकार दिए हैं. जब हमने सरकार को बताया कि हमारे पास डॉक्टर कम हैं तो बस्ती से हमारे पास डॉक्टर भी तुरंत भेजे गए. हमारे पास अभी तक ऑक्सीजन बाहर से आ रही थी लेकिन अभी हम दो ऑक्सीजन प्लांट बना रहे हैं. एक ऑक्सीजन प्लांट हमें पीएम केयर्स से भी मिला है. हमारे जिले में तीन तहसीलें हैं, इनमें से एक तहसील में हम विधायक निधि से ऑक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारी कर रहे हैं. कोरोना कर्फ्यू का असर देखने को मिल रहा है, लोगों में भी जागरुकता बढ़ी है. जिले में करीब 90 प्रतिशत के करीब लोग मास्क लगा रहे हैं. वैक्सीनेशन को लेकर भी हम अच्छी स्थिति में हैं, वैक्सीन कार्यक्रम को हम जन आंदोलन की तरह चला रहे हैं. यह इसी तरह कामयाब हो सकते हैं. समाज के सभी वर्गों के लोग आगे कर वैक्सीन कार्यक्रम में सहयोग कर रहे हैं. संत कबीर नगर में अभी 18 प्लस वालों का टीकाकरण शुरू नहीं हुआ है. लेकिन जल्द ही हम टीकाकरण और तेजी से शुरू करेंगे.  

प्रतापगढ़ के डीएम बोले- उम्मीद है कि पीक निकल गया, हालात अब काबू में

उन्नाव के बाद प्रतापगढ़ के डीएम नितिन बंसल DM e-कॉन्क्लेव में जुड़े हैं. नितिन बंसल ने बताया- दूसरी लहर बहुत तेजी से बढ़ी और कई लोग बीमार हुए. आज जिले में 1885 एक्टिव केस हैं. इसमें से 1700 के  होम आईसोलेशन में हैं, बाकी अलग अलग अस्पताल में हैं. एल वन अस्पताल हो या एल टू अस्पताल हों, सभी में ऑक्सीजन, बेड, आईसीयू और वेटिंलेटर की कमी नहीं है. उम्मीद है कि दूसरी लहर का पीक निकल गया है, हमने तीसरी लहर को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं. हम शुरू से ट्रैसिंग, ट्रैकिंग पर काम कर रहे हैं, हम रोजाना 1300 आरटीपीसीआर टेस्ट और 2000 एंटीजेन टेस्ट कर रहे हैं. हमारे लिए अच्छी बात है कि अब आरटीपीसीआर टेस्ट जनपद में ही शुरू हो गई है. हाउस टू हाऊस सर्वे में 11500 केस मिले थे जिनमें हल्के लक्षण थे. इन सभी का एंटीजेन टेस्ट करवाया गया. जिले में पॉजिटिविटी रेट में कमी आ रही है. जिले में हमने कंट्रोल रूम बनाया है जो 24 घंटे काम कर रहा है. इसमें डॉक्टर भी तैनात हैं. कॉल आने के बाद अगर किसी को एंबिलेंस की जरूरत है तो एंबुलेंस मिला या नहीं, किसी के घर में मृत्यु होने पर उसके यहां सेनिटाइजेशन हुआ या नहीं, इसकी भी लगातार ट्रैसिंग कर रहे हैं. अप्रैल के शुरुआत में हमें ऑक्सीजन की लेकर थोड़ी दिक्कत हुई थी लेकिन धीरे धीरे स्थिति पूरी तरह स्थिति नियंत्रण में आ गयी. अगले एक महीने में हम अपना ऑक्सीजन प्लांट भी लगा लेंगे. हमें पीएम केयर्स फंड से भी काफी सहायता मिली है. 

उन्नाव के डीएम बोले- शवों के गंगा में बहने की बात गलत, जिले में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं

DM e-कॉन्क्लेव में मैनपुरी के डीएम महेंद्र बहादुर के बाद उन्नाव के डीएम रविंद्र कुमार जुड़े हैं. रविंद्र कुमार ने कहा- उन्नाव कानपुर और लखनऊ के बीच में पड़ने वाला जिला है, लोग अपने काम इन दो जिलों में जाते हैं या फिर इन जिलों से लोग उन्नाव में आते हैं. इसे देखते हुए हमने विशेष तैयारियां की हैं. मुख्यमंत्री के निर्देश पर हमने जिले में टीम नाइन का गठन किया है, जिसमें जिले के वरिष्ठ अधिकारी हैं. हम लोग रोज सुबह बैठक करते हैं और दिनभर किस दिशा में काम करना है, यह तय करते हैं. होम आईसोलेशन के मरीजों के लिए हम गूगल अर्थ की मदद ले रहे हैं. गूगल आईसोलेशल की मदद से हम देख सकते हैं कि कौन सा मरीज कहां आईसोलेशन में है. इसके साथ ही उन्नाव जिले में हम रोज सुबह योग की क्लास भी चला रहे हैं. जिसका ऑनलाइन लिंक शेयर किया जाता है. यह आम जनता के लिए भी खुला है. ऑक्सीजन को लेकर भी हमने विशेष तैयारियां की हैं. इसके साथ ही एक भी दिन ऐसा नहीं आया कि जब ऑक्सीजन की कमी हुई हो. अभी हमारे पास अतिरिक्त ऑक्सीजन भी उपलब्ध है. दवाइयों की कमी और कालाबाजारी पर भी हमारी विशेष नजर है. हमने मेडिकल स्टोर वालों से बात करते जरूरी दवाइयों के दाम भी तय करवा दिए हैं. इसके साथ ही मरीज में लक्षण दिखने के साथ ही हम दवाई देकर उसका इलाज शुरू कर देते हैं. मैं स्पष्ट करना जरूरी है कि उन्नाव में एक भी शव बहता हुआ नहीं मिला है. उन्नाव के कई घाटों पर परंपरागत तरीके से शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. लोग अपनी आस्था के आधार पर अविवाहित या बच्चों के शवों पर दफना देते हैं. लेकिन स्पष्ट करना जरूरी है कि किसी भी नए स्थल पर शवों को नहीं दफनाया जा रहा है.

मैनपुरी के डीएम बोले- जिले में स्थिति नियंत्रण में, एक महीने में ऑक्सीजन प्लांट लगने की उम्मीद

हापुड़ के बाद DM e-कॉन्क्लेव में मैनपुरी के डीएम महेंद्र बहादुर सिंह जुड़े हैं. डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि जिले में कोरोना की स्थिति नियंत्रण में हैं. मैनपुरी में कभी ऑक्सीजन की कमी नहीं रही, नोएडा प्लांट से भी हमने मदद ली. मुख्यमंत्री जी के निर्देश के बाद पांच टीमें जिले में काम कर रही हैं. ग्रामीण और शहरी इलाकों में यह टीमें ट्रैकिंग और ट्रैसिंग का काम कर रही हैं. इसके साथ ही यह निगरानी समितियां लोगों को मेडिकल किट भी उपलब्ध करवा रही हैं. तीसरी लहर को लेकर मुख्यमंत्री जी ने आदेश दिए हैं कि बच्चों और महिलाओं के लिए विशेष इंतजाम किए जाएं. इसके लिए हम लोग लगातार प्रयास कर रहे हैं. हमारी पहली प्राथमिकता ऑक्सीजन का प्लांच है. उम्मीद है कि अगले एक महीने में ऑक्सीजन प्लांट लग जाएगी. कालाबाजारी को हमने सख्ती की है. अस्पताल, दवा और ऑक्सीजन को लेकर स्थिति हमेशा नियंत्रण में रही है. हमें लोकल स्तर से भी पूरा सपोर्ट मिल रहा है, कोई भी दिक्कत आएगी तो हम टीम वर्क से निपटने के लिए तैयार हैं. हम कोविड और नॉन कोविड दोनों तरह के मरीजों का इलाज जिला अस्पताल में कर रहे हैं. हम कंट्रोल रूप पर नजर बनाए हुए हैं. अधिकारी औचक रूप से कंट्रोल रूम की चेकिंग कर रहे हैं, अभी तक एक भी बार ऐसा नहीं हुआ कि फोन ना उठा हो. मैनपुरी में कोई भी कोरोना का प्राइवेट अस्पताल नहीं है. मैं लोगों से अनुरोध करता हूं कि ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन लगवाएं. हमें उम्मीद है कि जल्द ही 18 साल से ऊपर वालों जिले में वैक्सीन लगने लगेगी.

हापुड़ के डीएम बोले- खुशी है कि कोई ऐसा नहीं लौटा जिसे हम बेड नहीं दिलवा पाए

मथुरा के बाद हापुड के डीएम अनुज सिंह जुड़े हैं. अनुज सिंह ने बताया- मरीजों के अस्पताल में आने की रफ्तार कम हुई है. अभी भी करीब 300 मरीज रोज आ रहे हैं लेकिन पहले से स्थिति नियंत्रण में है. अभी करीब 1706 मरीज होम आईसोलेशन में हैं. 300-400 मरीज अस्पतालों में हैं और ठीक हो कर घर जा रहे हैं. हमने टेस्टिंग और ट्रेसिंग बढ़ाई है. हमारे यहां तीन मेडिकल कॉलेज हैं, एक नया बना जिला अस्पताल है, इसके साथ ही दो और सेंटरों को हमने कोविड अस्पताल के तौर पर इस्तेमाल किया. हमारे पास ऑक्सीजन बेड 800, 170 आईसीयू बेड की उपलब्धता थी. दिल्ली के बाद जब गाजियाबाद में मरीज बढ़ने लगे तब हमने भी अपने यहां गाजियाबाद के मरीजों को इलाज उपलब्ध करवाया था. हमें खुशी है कि ऐसा कोई मरीज नहीं था जसे हम बेड नहीं उपलब्ध करवा पाए. जिले में एक भी ऐसा वक्त नहीं जब जिले के किसी भी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी आयी हो. 

मथुरा के डीएम बोले- जिले में अभी 2710 कोरोना मरीज, हमारी तैयारियां पूरी हैं

बरेली के बाद मथुरा के डीएम नवनीत चहल जुड़े हैं. डीएम नवनीत चहल ने बताया- मथुरा में अभी 2711 एक्टिव केस हैं, लगभग दो हजार केस होम आइसोलेशन में है. हमने कोविंड कमांड और कंट्रोल सेंटर को आधुनिक बनाया है. इसमें दस लाइनें हैं और 51 कर्मचारी काम कर रहे हैं. इसके साथ ही यहां डॉक्टरों को भी तैनात किया है. बेड की उपलब्धताा पर भी विशेष ध्यान दिया गया है. इस समय जनपद में संक्रमण दर करीब दस प्रतिशत के आसपास है. हमने जनपद में पांच जोन बनाए हैं, इसके साथ ही तहसील स्तर पर भी कंट्रोल रूम बनाए हैं. पंचायत स्तर पर बनी निगरानी समितियों से लगातार संपर्क किया जा रहा है. लक्षण दिखने पर तुरंत मेडिकल किट दी जा रही है. पोस्ट कोविड को भी हमारे डॉक्टर बारीकी से देख रहे हैं. प्राइवेट और सरकारी दोनों अस्पतालों में मरीजों में अच्छा इलाज दिया जा रहा है. नगर निमग, नगर पालिका और ग्राम पंचायतों को अंतिम संस्कार के लिए सक्षम हैं. शाशन से भी आदेश है कि किसी को अंतिम संस्कार के लिए किसी को पैसे ना देने पड़ें. इसकी मॉनीटरिंग भी लगातार की जा रही है. मुथरा में इस वक्त पर्यााप्त मात्रा में रेमडिसिविर दवा है, शुरुआत में जरूर कुछ सप्लाई डिमांड की दिक्कत आयी थी. लेकिन अभी किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं है.

बरेली के डीएम नीतीश कुमार DM e-कॉन्क्लेव  में क्या बोले?

फर्रुखाबाद के बाद बरेली के डीएम नीतीश कुमार DM e-कॉन्क्लेव  में जुड़े हैं. डीएम नीतीश कुमार ने कहा- हम लोगों ने प्रीप्लानिंग में ही काफी तैयारियां भी की थी. हमने अस्पताल में बेड की संख्या बढ़ायी थी. मेडिकल कॉलेज में 800 के करीब ऑक्सीजन बेड बढ़ाए थे. इसके साथ ही हमने प्राइवेट अस्पतालों को भी कोरोना इलाज के लिए नियंत्रण में लिया. हमने मरीजों की ट्रैसिंग की, टेस्टिंग की इसके साथ ही जिसे ऑक्सीजन की जरूरत है उसे तुरंत उपलब्ध करवायी जाए. इसके साथ ही हमने पोस्ट कोविड इलाज के लिए भी एक अलग अस्पताल की व्यवस्था की है. अगर ठीक होने के बाद भी किसी को दिक्कत हो रही है तो वो इस अस्पताल में इलाज करवा सकता है. इसके साथ ही अगर कोई घर पर ऑक्सीजन सिलेंडर चाहता है कि हमने पांच एजेंसियों से बात की वहां सिलेंडर का सिक्योरिटी डिपॉजिट जमाकरके सिलेंडर ले सकते हैं. हमारे कंट्रोल रूम में 165 लोग काम कर रहे हैं. इसके साथ ही सभी अधिकारियों को निर्देश हैं कि फोन उठाएं. इसके साथ ही एक व्हाट्सएप नंबर भी जारी किया गया है. इस नंबर पर मरीज की जानकारी मिलते ही एक घंटे के भीतर जिला प्रशासन संपर्क करके मदद पहुंचा देता है.

फर्रुखाबाद के डीएम बोले- जिले में पांच प्रतिशत संक्रमण दर, ऑक्सीजन की कमी नहीं

सुल्तानपुर के बाद फर्रुखाबाद के डीएम मानवेंद्र सिंह जुड़े हैं. मानवेंद्र सिंह ने बताया- हमारे यहां एक्टिव करीब 1290 हैं, करीब 6 हजार लोग ठीक होकर घर चले गए हैं. दूसरी लहर को लेकर हमने तैयारियां की थीं. हमने बेड की क्षमता बढ़ाकर 135 कर ली थीं. सभी जगह ऑक्सीजन उपलब्ध है. अभी जिले में सिर्फ पांच प्रतिशत संक्रमण है. डिमांड होने पर हम तुरंत ऑक्सीजन उपलब्ध करवा रहे रहे हैं. 135 बेड पर ऑक्सीजन उपलबध हैं. जिले के 14 प्राइवेड हॉस्पिटल को भी हमने नियंत्रण में लिया था. मरीजों की संख्या काफी कम हो गई है इसलिए किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं आ रही है. हमने जनपद स्थर के अधारियों की टीम बनायी थी. यह अधिकारी हर रोज दो गांव का भ्रमण करते थे. जहां भी मरीज मिलने की जानकारी मिलती थी वहां हमने ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग की. निगरानी समितियों के लिए ऊपर भी नजर रखने के लिए हमने एक टीम बनायी जिसके अच्छे परिणाम आए. हमने एक कंट्रोल रूम भी बनाया है. 

सुल्तानपुर के डीएम बोले- दूसरी लहर का पीक पार चुके हैं, लेकिन अभी भी सचेत हैं

DM e-कॉन्क्लेव में बाराबंकी के बाद सुल्तानपुर के डीएम रवीश गुप्ता जुड़े हैं. रवीश गुप्ता ने बतााया- आंकड़ों के लिहाज से सुल्तानपुर में हमने पिछले दस दिन में काफी अच्छा काम किया है. पिछले दस दिन में आंकड़ों में कमी आयी है, पहले हमारे पास 700-800 केस रोज आ रहे थे अब करीब 100 केस डेली आ रहे हैं. लेकिन हमने अभी भी सभी को सचेत कर रखा है. थोड़ी बहुत खुशी की बात है कि दूसरी की लहर का पीक हम क्रॉस कर चुके हैं. हमने कोरोना टेस्टिंग को पहले के लक्ष्य से बढ़ाया है. हमारे यहां वेटिंलेटर पचास का है, इसमें से 12 ही इस्तेमाल में हैं. आगे जरूरत पड़ेगी तो और भी वेटिंलेटर मिल जाएंगे. ऑक्सीजन और बाकी व्यवस्थाओं के लिए केएनआईटी के चार हॉस्टल को नियंत्रण में लिया है. यहां डॉक्टर की टीम तैनात है, अभी वहां 200 बेड संचालित हैं. और जरूरत पड़ेगी तो इसे 600 तक ले जाा सकते हैं. अभी वहां पर 70-8- एक्टिव मरीज आ रहे हैं. ऑक्सीजन के लिए हमने कंट्रोल रूम की स्थापना की है. 

ग्रामीण इलाकों में बनी कोरोना समितियां, लक्षण दिखते ही बिना देरी इलाज- बाराबंकी डीएम

ग्रामीण इलाकों में कोरोना की स्थिति को लेकर डॉ. आदर्श सिंह ने बताया- पांच से नौ मई के बीच घर घर जाकर 6200 लोगों को खोजा जिन्हें लक्षण थे. इन सभी को हमने कोरोना मरीज मानते हुए उनका इलाज शुरू कर दिया. हमारे एएनएम, आशा, आंगड़बाड़ी. लेखपाल और गांव के भी सम्मानित नागरिकों को जिम्मेदारी दी गई है कि वे मरीज को घर में अलग कमरे में रखें और उन्हें दवाइयां उपलब्ध करवाएं. गांव में हमने कोरोना समितियां बनायी हैं. 

DM e-कॉन्क्लेव में सबसे पहले बाराबंकी के डीएम डॉ. आदर्श सिंह

एबीपी गंगा  DM e-कॉन्क्लेव में सबसे पहले बाराबंकी के डीएम डॉ. आदर्श सिंह जुड़े हैं. डॉ. आदर्श सिंह ने कहा- बाराबंरी एक ग्रामीण जनपद है और भौगौलिक स्थिति से पूर्वांचल के नजदीक है और लखनऊ से नजदीक है. जब भी हम कोविड की बात करते हैं तो हमें लखनऊ को भी ध्यान में रखना पड़ता है. लखनऊ में दूसरी लहर शुरू होने के साथ ही हमारे यहां भी मरीज बढ़ने लगे. लखनऊ के भी मरीज बाराबंकी में आकर इलाज करवा रहे थे. अप्रैल में सबसे ज्यादा मरीज हमारे जिले में थे. बाराबंकी में अभी लगभग दो हजार के करीब एक्टिव मरीज हैं. इसमें लगातार गिरावटभी आ रही है. लोग भी ठीक भी हो रहे हैं. हमारा मृत्युदर एक प्रतिशत से कम रहा है. हमारा प्रयास है कि इसे और भी कम किया जाए. 

DM e-कॉन्क्लेव में सबसे पहले बाराबंकी के डीएम डॉ. आदर्श सिंह

एबीपी गंगा  DM e-कॉन्क्लेव में सबसे पहले बाराबंकी के डीएम डॉ. आदर्श सिंह जुड़े हैं. डॉ. आदर्श सिंह ने कहा- बाराबंरी एक ग्रामीण जनपद है और भौगौलिक स्थिति से पूर्वांचल के नजदीक है और लखनऊ से नजदीक है. जब भी हम कोविड की बात करते हैं तो हमें लखनऊ को भी ध्यान में रखना पड़ता है. लखनऊ में दूसरी लहर शुरू होने के साथ ही हमारे यहां भी मरीज बढ़ने लगे. लखनऊ के भी मरीज बाराबंकी में आकर इलाज करवा रहे थे. अप्रैल में सबसे ज्यादा मरीज हमारे जिले में थे. बाराबंकी में अभी लगभग दो हजार के करीब एक्टिव मरीज हैं. इसमें लगातार गिरावटभी आ रही है. लोग भी ठीक भी हो रहे हैं. हमारा मृत्युदर एक प्रतिशत से कम रहा है. हमारा प्रयास है कि इसे और भी कम किया जाए. 

बैकग्राउंड

DM e-कॉन्क्लेव: पूरe देश इस वक्त कोरोना संकट काल से जूझ रहा है. जिन राज्यों में कोरोना ने सबसे ज्यादा कहर मचाया है, उनमें देश का सबसे बड़ा सूबा उत्तर प्रदेश भी है. तमाम सरकारी दावों और वादों के बीच उत्तर प्रदेश के आंकड़े डराने वाले हैं. पिछले कुछ दिनों में उत्तर प्रदेश में नए मरीजों की संख्या में तो गिरावट आयी है लेकिन मौत का आंकड़ा अभी भी डराने वाला है. उत्तर प्रदेश में कोरोना नियंत्रण को लेकर एक ओर जहां सरकारी दावे हैं तो वहीं विपक्ष का सरकार पर  लापरवाही और अव्यवस्था का आरोप है. 


कोरोना पर आंकड़ों, वादों और आरोपों के बीच आपदा के इस काल में आपका चैनल एबीपी गंगा कोरोना को लेकर बड़ा अभियान लेकर हाजिर है. इस अभियान में उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलाधिकारी अपने जिले का मास्टर प्लान बताएंगे. एबीपी गंगा पर यह सभी जिलाधिकारी महामारी के वायरस पर विजय का 'महामंत्र' देंगे. एबीपी गंगा पर 'DM e-कॉन्क्लेव'  आज दोपहर 12 बजे से शुरू होगी. इससे जुड़ी पल पल की अपडेट के लिए बने रहें हमारे साथ....

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