UP News: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने पांच फिलिंग स्टेशनों पर मिलावटी ईंधन बेचकर उपभोक्ताओं को ठगने के आरोप में मेरठ और बागपत में पांच पेट्रोल पंप मालिकों सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है. एसटीएफ, जिला प्रशासन, माप विभाग और आपूर्ति विभाग के अधिकारियों के संयुक्त अभियान में ये गिरफ्तारियां की गईं. एएसपी बृजेश कुमार सिंह ने एक बयान में कहा कि गुप्त सूचना के बाद मेरठ और बागपत में कुछ ईंधन आउटलेट मिलावटी डीजल और पेट्रोल बेच रहे थे. जिसके बाद सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है.


इन पेट्रोल पंपों में मारा गया छापा
बृजेश कुमार सिंह ने कहा कि हमारी टीमों ने पांच पेट्रोल पंपों पर छापे मारे, चार मेरठ में और एक बागपत में पाया कि वे सॉल्वेंट मिश्रित ईंधन बेच रहे थे. उन्होंने उपभोक्ताओं को कम ईंधन देने के लिए अलग मदरबोर्ड और डिस्प्ले मशीनें लगाईं. पेट्रोल पंपों का स्वामित्व नायरा कंपनी के पास है. सैनी में रॉयल फिलिंग स्टेशन, दिल्ली रोड पर परतापुर फिलिंग स्टेशन, मवाना में सिद्धबली पेट्रोल स्टेशन, माधवपुरम में दिल्ली रोड फिलिंग स्टेशन - सभी मेरठ में और मेरठ-बागपत में शिव सर्विस स्टेशन पर छापे मारे गए.


10 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज
इसी के साथ आपूर्ति विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी की शिकायत पर 10 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं. एएसपी ने कहा कि डिस्प्ले मशीनों में धांधली करने वाले घोटाले के मास्टरमाइंड देवेंद्र कुमार उर्फ सत्येंद्र को भी नायरा कंपनी के सेल्स मैनेजर वीरेंद्र त्रिपाठी के साथ गिरफ्तार किया गया है. वहीं पेट्रोल पंप के मालिकों समेत कल सात लोगों को अब तक गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि इन पेट्रोल पंपों पर नकली पेट्रोल बेचा रहा है. जिसके बाद सभी टीमों ने संयुक्त अभियान चलाकर पांच पेट्रोल पंपों पर छापा मारा और यह सूचना सही निकली.


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