Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री डा. संजय निषाद ने अखिलेश और राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले राजकुमार राजा-रानी के पेट से पैदा होता था. तब राजकुमार कहलाता था. अब ईवीएम से पैदा होता है. इस युग का असली भगवान और फैसला लेने वाला जज, वोटर है. उसने ये तय कर लिया है कि नरेंद्र मोदी को पीएम बनाना है. जनता जो चाहती है, वो नरेंद्र मोदी करते हैं, इसलिए जनता उनके साथ हैं. यूपी में वे सभी 80 सीटें जीतेंगे. इस बार एनडीए सरकार 400 पार करेगी. डा. संजय निषाद ने कहा कि यहां पर रविकिशन नहीं नरेंद्र मोदी लड़ रहे हैं.


गोरखपुर के सर्किट हाउस में एबीपी लाइव से बातचीत में डा. संजय निषाद ने कहा कि लोकसभा का जो चुनाव होता है, वो प्रत्‍याशी नहीं लड़ता है, वो राष्‍ट्र का चुनाव होता है. देश के हित का चुनाव होता है. नीतियों का चुनाव होता है. इसलिए 39 पार्टियों ने तय कर रखा है, कि नरेंद्र मोदी की नीतियों पर चुनाव लड़कर उन्‍हें जिताएंगे. काजल निषाद पर निशाना साधते हुए कहा कि वे नाम से निषाद हैं. वे जन्‍म से निषाद तो हैं नहीं. निषादों ने अपनी समस्‍याओं के लिए खुद निषाद पार्टी बना रखा है. इसलिए पार्टी पर लोगों का विश्‍वास है. न किसी व्‍यक्ति पर विश्‍वास है.


400 सीट जीतने का किया दावा 
यूपी के कैबिनेट मंत्री डा. संजय निषाद ने कहा कि नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा के साथ योगी आदित्यनाथ ने सिस्‍टमेटिक ढंग से टिकट पर निर्णय लिया. विपक्ष के बयान पर भी उन्‍होंने विराम लगाया और विश्‍वास जताया. सभी प्रत्‍याशियों पर विश्‍वास जताते हुए बस एक-दो लोगों को छोड़कर सभी को टिकट दिया. इससे साबित होता है कि जनता मोदीजी और उनकी गारंटी पर काम करती है. 


उन्‍होंने अपने जनप्रतिनिधियों पर विश्‍वास जताया है. पहली लिस्‍ट में सिटिंग एमपी पर विश्‍वास जताने के सवाल पर डा. संजय निषाद ने कहा कि जब जीत होगी, तो विश्‍वास देखिएगा कैसा चौकाने वाला होगा. पिछली बार से अधिक सीटें जीतेंगे. इसलिए 400 पार एनडीए सरकार का जो मोदीजी ने नारा दिया है, उसे पार कर पाएंगे, तो सब चौंक जाएंगे.


"NDA अपना गठबंधन धर्म निभाती है"
डा. संजय निषाद ने कहा कि एनडीए अपने गठबंधन दल का धर्म निभाती है. इस पर चर्चा करके लिस्‍ट जारी करती है. ऐसी तमाम सीटें हैं, जिस पर गठबंधन दल के लोगों को लड़ाया जाएगा. इसलिए उसको रोका गया है. इस बार जिस तरह का प्रयोग किया गया है. उसमें भी इसी तरह का प्रयोग होगा. उम्र की उसमें कोई दिक्‍कत नहीं है. 


सीटों के सवाल पर उन्‍होंने कहा कि सीटों के लिए कोई असंतुष्टि नहीं थी. कभी कोई झगड़ा नहीं था. 2022 में एक सम्‍मानजनक सीटें दीं. 11 विधायक उनके हैं. छह निषाद पार्टी और 5 भाजपा के सिंबल पर जीते. जीतने के लिए ये तय करना पड़ता है कि किस सिंबल पर सीट आएगी. वे लोग कोई उम्‍मीद नहीं करते हैं. अपना दल की तरह उन्‍हें भी सम्‍मान मिलता है. साल 2019 में निषाद लड़े थे और ऐतिहासिक जीत दिए थे.


"नीतिया नेता से नहीं, पार्टी से बनती हैं"
गोरखपुर और संतकबीरनगर के निषादों ने अपनी समस्‍याओं और दर्द के लिए क्‍योंकि राजनीतिक दर्द था और राजनीति के सताए हुए लोग थे, इसलिए इन लोगों ने खुद एक पार्टी खड़ी और बड़ी की कि हमारी पार्टी से हमारी समस्‍याओं का समाधान होगा. जिस तरीके से दलितों, मिल्‍कमैन, लेदरमैन ने किया. अब फिशरमैन है. 


अब खुद पार्टी को इतना बड़ा कर दिया कि उनकी आवाज को कैबिनेट में वे खुद पहुंचाते हैं. आवश्‍यकता पड़ने पर मोदी-अमित शाह तक पहुंचाते हैं. नीतियां नेता नहीं पार्टी से बनती है. मोदीजी ने 6.5 साल में 41.5 हजार करोड़ रुपए निषाद समाज को दिया है. वे गोरखपुर-संतकबीरनगर से उठाते हैं, भला पूरे देश के निषाद का हो रहा है.