UP Election: उत्तर प्रदेश में चुनाव के आते ही राजनीतिक सरगर्मी बढ़ती जा रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अपने पूर्ववर्ती मुख्यमंत्रियों पर सत्ता में आने के बाद बंगले बनवाने संबंधी बयान की जोरदार निंदा करते हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने रविवार को कहा कि उनका गोरखपुर स्थित मठ भी किसी आलीशान बंगले से कम नहीं है.
बीजेपी के किसी भी मंत्री ने नहीं बनवाया बंगला
आदित्यनाथ ने गाजियाबाद में चुनाव प्रचार अभियान के दौरान कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार के सत्ता में आते ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके मंत्रियों ने पहले अपने लिए बंगलों को निर्माण कराया था. लेकिन राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के किसी भी मंत्री ने लिए कोई बंगला नहीं बनाया बल्कि राज्य के 43 लाख गरीब लोगों को आवास प्रदान किए हैं. उन्होंने यह दावा भी किया कि बीजेपी सरकार ने राज्य में दो करोड़ 61 लाख लोगों को शौचालय प्रदान किए हैं.
मठ नहीं है किसी बंगले से कम
मुख्यमंत्री के बयान के तुरंत बाद बसपा सुप्रीमो ने पलटवार करते हुए बीजेपी को अपने निशाने पर लिया. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा शायद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों को पता नहीं है कि गोरखपुर में योगी जी द्वारा बनाया गया मठ, जहां वे ज्यादातर समय रहते हैं, किसी बड़े बंगले से कम नहीं है. बेहतर होता कि वह मतदाताओं को यह भी बता देते . सुश्री मायावती ने अपने अगले ट्वीट में बसपा सरकार की उपलब्धियों का वर्णन करते हुए कहा, ''यह भी बेहतर होता कि श्री आदित्यनाथ अपनी सरकार की तारीफ के साथ-साथ बसपा सरकार द्वारा जनहित से जुड़े कार्यों का भी जिक्र करते. उन्हें पता होना चाहिए कि गरीबों को घर और भूमिहीनों को जमीन देने में बसपा सरकार का रिकॉर्ड बेहतरीन रहा है.
भूमिहीन परिवारों को दिया है जमीन
बसपा अध्यक्ष ने तीसरे ट्वीट में अपने कार्यकाल में गरीबों को घर मुहैया कराने का दावा करते हुए कहा, 'मान्यवर श्री कांशी राम जी शहरी गरीब आवास योजना के तहत महज दो चरणों में लोगों को डेढ़ लाख से ज्यादा पक्के मकान दिए गए. गरीब आवास स्वामित्व योजना के तहत परिवारों को लाभान्वित किया गया और लाखों भूमिहीन परिवारों को जमीन भी दी गई.
मायावती साध रही हैं विरोधियों पर निशाना
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में पहले चरण का प्रचार तेज होने के साथ ही बीजेपी लगातार समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव पर निशाना साध रही है.बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच लड़ाई में बसपा और मायावती अभी भी पीछे चल रही हैं. लेकिन पिछले कुछ दिनों से मायावती लगातार अपने विरोधियों पर निशाना साध रही हैं और चुनाव प्रचार अभियान में आगे होने तथा राज्य में सत्ता में आने के दावे कर रही हैं.
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