अपर्णा बिष्ट यादव समाजवादी पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) की छोटी बहू हैं. अपर्णा अखिलेश यादव के सौतेले भाई प्रतीक यादव की पत्नी हैं. उन्होंने 2017 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर लखनऊ कैंट सीट से चुनाव लड़ा था. उन्हें बीजेपी की रीता बहुगुणा जोशी ने हरा दिया था. सार्वजनिक तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ कर चकी हैं.


अपर्णा यादव के पति का क्या नाम है


अपर्णा मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना यादव के बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं. अपर्णा 1 जनवरी 1990 को पैदा हुईं थीं. उनके पिता अरविंद सिंह बिष्ट एक पत्रकार रहे हैं. समाजवादी पार्टी की सरकार में उन्हें सूचना आयुक्त बनाया गया था. वहीं उनकी मां अंबी बिष्ट लखनऊ नगर निगम में अधिकारी हैं. अपर्णा और प्रतीक की मुलाकात स्कूल के दिनों की है. अपर्णा की स्कूली शिक्षा लखनऊ के लोरेटो कॉन्वेंट इंटरमीडिएट कॉलेज से हुई है. 


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कहां तक पढ़ी हैं अपर्णा यादव


राजनीति विज्ञान, आधुनिक इतिहास और अंग्रेजी में स्नातक करने वाली अपर्णा शास्त्रीय गायिका भी हैं. उन्होंने लखनऊ के भातखंडे संगीत विश्वविद्यालय में नौ साल तक शास्त्रीय संगीत की पढ़ाई की है. वो ठुमरी गायन करती हैं. अपर्णा ने ब्रिटेन की मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल रिलेशन एंड पॉलिटिक्स में मास्टर डिग्री ली है. अपर्णा और प्रतीक की सगाई 2010 में हुई थी. दोनों की शादी दिसंबर 2011 में मुलायम सिंह यादव के पैतृक गांव सैफई में हुई. दोनों की एक बेटी है, जिसका नाम प्रथमा है. 


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अपर्णा के पति प्रतीक ने लीड्स यूनिवर्सिटी से एमएससी इन मैनेजमेंट की पढाई की है. प्रतीक का राजनीतिक रूझान नहीं है. वो लखनऊ में एक जिम चलाते हैं और रियल एस्टेट का कारोबार करते हैं. लेकिन मुलायम परिवार की बहू बनने के बाद अपर्णा यादव राजनीति सक्रिय हो गईं.  उन्होंने 2017 का विधानसभा चुनाव लखनऊ कैंट विधासनभा सीट से लड़ा था. वहां उन्हें बीजेपी की रीता बहुगुणा जोशी ने 33 हजार 796 वोट के अंतर से पटखनी दी थी. 


अपर्णा यादव के कैसे हैं अखिलेश यादव से रिश्ते


अपर्णा यादव ने पिछले महीने एबीपी से बातचीत में लखनऊ कैंट से मिली हार का जिक्र किया था. उनकी बातों से ऐसा लगा था कि वो बेमन से लखनऊ कैंट से चुनाव लड़ी थीं. उनका कहना था कि चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने लखनऊ कैंट सीट की मांग नहीं की थी. उनका कहना था कि उन्हें एक ऐसी सीट लड़ने के लिए दी गई थी, जहां से केवल बीजेपी ही जीतती है. उनकी बातों से ऐसा लगा कि समाजवादी पार्टी ने उन्हें बली का बकरा बनाया था.


सार्वजनिक तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करने वाली अपर्णा कभी सपा प्रमुख अखिलेश यादव की बुराई करती हुई नजर नहीं आईं. अमेठी में आयोजित एक कार्यक्रम में अपर्णा ने अखिलेश यादव की तारीफ करते हुए उन्हें समाजवाद का दूसरा नाम बताया था. इस दौरान उन्होंने डीजल-पेट्रोल के दाम, विकास और किसानों की समस्याओं को लेकर बीजेपी की खिंचाई की थी.