समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दावा किया है कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की शुरुआत उनके मुख्यमंत्री रहते हुई थी. इस कॉरिडोर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को करने वाले हैं. अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ बीजेपी बुनियादी सवालों से ध्यान हटाने के लिए जनता को दूसरे मुद्दों में उलझा रही है.


वादों को पूरा नहीं कर पाई बीजेपी


अखिलेश ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह दावा किया. उन्होंने कहा, "बीजेपी ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था. इसे वह पूरा नहीं कर सकी. महंगाई बेकाबू है. जनता यह सवाल न कर दे इसलिए काशी विश्वनाथ कॉरिडोर...ध्यान हटाने के लिए यह सब मुद्दे उठाया जा रहे हैं." पूर्व मुख्यमंत्री ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की शुरुआत अपने शासनकाल में होने का दावा करते हुए कहा, "काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का प्रस्ताव भी अगर किसी ने कैबिनेट में पास किया था, शुरुआत अगर किसी ने की थी तो वह समाजवादी पार्टी की सरकार ही थी." 


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शनिवार को बलरामपुर में सरयू नहर परियोजना को लेकर भी अखिलेश ने राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए दावा किया था कि इस परियोजना का तीन चौथाई काम सपा सरकार के कार्यकाल में ही हो गया था.


अखिलेश का दावा, बहस के मुद्दे बदल रही है बीजेपी


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से समाजवादी पार्टी की लाल टोपी को 'रेड अलर्ट' बताए जाने से संबंधित एक सवाल पर अखिलेश ने इसे बीजेपी द्वारा बहस के मुद्दों को बदलने की एक साजिश करार दिया. उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर अपने पिछले साढे चार साल के कार्यकाल के दौरान भेदभाव से काम करने का आरोप लगाया और कहा कि अंग्रेज 'फूट डालो और राज करो' के मंत्र पर काम करते थे. उसी तरह बीजेपी डरा कर और लोगों को मारकर राज करना चाहती है. आगामी विधानसभा चुनाव में जनता बीजेपी को सबक सिखाएगी.


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अखिलेश ने कहा, ‘‘आज उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी का सवाल है. इसके अलावा पेपर लीक, छात्रों पर लाठीचार्ज, भर्तियों पर स्थगन आदेश के सवाल भी मौजूद हैं. शिक्षामित्र भटक रहे हैं. युवा दुखी हैं.’’ उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी में किसानों पर गाड़ी चढ़ाए जाने की घटना कौन भूल जाएगा. कोविड-19 महामारी के दौरान अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी, नदियों में तैरती लाशें, बीमार अस्पताल और उनमें व्याप्त अव्यवस्थाओं को भी कोई कैसे भूल सकता है. 


गोरखपुर विश्वविद्यालय को केंद्रीय विवि बनाने का प्रस्ताव भेजेंगे


उन्होंने कहा कि नोटबदी के समय लोगों को लाइन में लगाने वाली सरकार को अब आगामी विधानसभा चुनाव में मतदाता वोट डालने के लिए कतार में खड़े होकर सत्ता से बाहर करेंगे." सपा अध्यक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार अपने शासनकाल के अंतिम दिनों में अपने 2017 के वादे के मुताबिक छात्रों को टेबलेट देने की बात कर रही है. सुनने में आ रहा है कि सरकार यह सामान चीन से मंगवा कर देगी.


सपा प्रमुख ने कहा कि उनके पार्टी की सरकार बनने पर उनकी सरकार गोरखपुर विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने के सिलसिले में केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजेगी. उन्होंने कहा कि सपा की सरकार बनी तो गरीबों को मुफ्त पौष्टिक भोजन देने के लिए जरूरत पड़ने पर कैंटीन बनाई जाएगी.