Satyapal Malik News In Hindi: केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 2,200 करोड़ रुपये की लागत वाली किरू पनबिजली परियोजना में कथित भ्रष्टाचार के मामले में जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के परिसरों और 29 अन्य स्थानों पर बृहस्पतिवार को छापेमारी की. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.


उन्होंने बताया कि सीबीआई ने दिल्ली और मुंबई के अलावा श्रीनगर, गुरुग्राम, जम्मू, बागपत, नोएडा, पटना, जयपुर, जोधपुर, बाड़मेर, नागपुर और चंडीगढ़ सहित कुल 30 स्थानों पर सुबह के समय कार्रवाई शुरू की जिसमें लगभग 100 अधिकारी शामिल हुए.


सीबीआई के प्रवक्ता ने यहां जारी एक बयान में कहा, ‘‘तलाशी के दौरान भारी नकदी जमा, सावधि जमा में निवेश, विभिन्न शहरों में संपत्तियों में निवेश, डिजिटल और दस्तावेजी साक्ष्य आदि के सबूत बरामद किए गए हैं.’’ उन्होंने बताया कि दिल्ली के आर के पुरम, द्वारका और एशियन गेम्स विलेज के अलावा गुरुग्राम और बागपत में मलिक से जुड़े परिसरों पर भी छापे मारे गए.


मलिक के बागपत जनपद स्थित पैतृक गांव हिसावदा में गाजियाबाद से सीबीआई की एक टीम पहुंची जहां तीन घंटे की जांच-पड़ताल करने और मकान की वीडियोग्राफी के बाद यह टीम वापस लौट गई.


पुलिस क्षेत्राधिकारी हरीश सिंह भदौरिया ने बताया कि सीबीआई की टीम की ओर से बागपत पुलिस को पहले कोई सूचना नहीं मिली थी. उन्होंने छापेमारी से संबंधित शेष जानकारी देने से इनकार किया.


हवेली में तीन घंटे रही पुलिस
उधर, गांव में रहने वाले अनु मलिक ने बताया कि सत्यपाल मलिक के परिजन गांव से बाहर रहते हैं. सीबीआई ने उनके कमरों को खुलवाकर गहन जांच की. उन्होंने बताया कि इस दौरान टीम तीन घंटे तक रही और पुश्तैनी हवेली में सत्यपाल मलिक के हिस्से के कमरे खुलवाकर देखे गए. इसके अलावा परिवार के कई लोगों से पूछताछ की गई.


ग्रामीणों के अनुसार, सीबीआई टीम सुबह करीब सवा नौ बजे सबसे पहले पुश्तैनी हवेली में पहुंची. वहां पूर्व राज्यपाल के चाचा लगने वाले सेवानिवृत्त बीडीओ बिजेंद्र मलिक और भतीजे लगने वाले अवध मलिक एवं स्वेत मलिक के परिवार रहते हैं.


इस दौरान सीबीआई की टीम ने सभी से सत्यपाल मलिक की संपत्ति के बारे में पूछताछ की. उन लोगों ने बताया कि वहां सत्यपाल मलिक की कोई संपत्ति नहीं है. उनकी पुश्तैनी हवेली में केवल चार कमरे हैं जो जर्जर हो चुके हैं. इसके बाद सीबीआई की टीम ने उनके हिस्से के चारों कमरों को खुलवाकर छानबीन की.


अधिकारियों के परिसरों पर छापेमारी
इससे पहले अधिकारियों ने कहा कि मलिक के कथित सहयोगियों, चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व अध्यक्ष नवीन कुमार चौधरी और पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड के अधिकारियों के परिसरों पर छापेमारी की गई.


 अधिकारियों ने बताया कि यह मामला 2,200 करोड़ रुपये के किरू पनबिजली परियोजना के कार्य आवंटन में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित है.


क्या है मामला?
मलिक 23 अगस्त 2018 से 30 अक्टूबर 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे. उन्होंने दावा किया था कि उन्हें दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी. इनमें से एक फाइल परियोजना से संबंधित थी.


सीबीआई ने 22 अप्रैल 2022 को मामला दर्ज करने के बाद कहा था, ‘‘2019 में किरू पनबिजली परियोजना के लगभग 2,200 करोड़ रुपये के सिविल कार्यों का ठेका एक निजी कंपनी को देने में भ्रष्टाचार के आरोप में मामला दर्ज किया गया.'


सीबीआई ने चौधरी के अलावा चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व अधिकारियों-एम एस बाबू, एम के मित्तल और अरुण कुमार मिश्रा और पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड के खिलाफ मामला दर्ज किया है. जांच के सिलसिले में सीबीआई ने जनवरी में पांच लोगों के आवास पर छापा मारा था.