Rudraprayag News: रुद्रप्रयाग में नमामि गंगे योजना के तहत करोड़ों की लागत से बनाये गये सभी घाट जलमग्न हो चुके हैं. बता दें कि केदारनाथ आपदा के बाद रुद्रप्रयाग नगर क्षेत्र में चार से पांच जगहों पर घाटों का अलकनंदा और मंदाकिनी किनारे निर्माण किया गया. शुरुआत में घाटों की चमक देखकर हर कोई  खींचा चला आया, लेकिन बारिश का मौसम शुरू होने के साथ घाटों का दूर-दूर तक भी पता नहीं चला. बरसात के बाद घाटों में मलबा और गंदगी का अंबार लग गया. मलबा और गंदगी हटाने के लिए नगर पालिका और जिला प्रशासन आगे नहीं आए.


बरसात के बाद घाटों का नहीं मिलता लोगों को लाभ


घाटों को नगर पालिका के हैंडओवर कर दिया गया था. लेकिन बेहतर रखरखाव और सौन्दर्यीकरण के लिए नगर पालिका फंड की कमी का रोना रोता रहा. उदासीनता से घाट धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील होते गये और अब तो हालत ऐसे हैं कि सुध लेनेवाला कोई नहीं. बरसात के मौसम में अलनकंदा और मंदाकिनी का जलस्तर बढ़ने पर घाट डूब जाते हैं और अन्य महीनों में घाटों में मलबा और गंदगी फैली रहती है. गंदगी के कारण घाटों पर कोई भी जाना पसंद नहीं करता है. कुल मिलाकर करोड़ों की लागत से बने घाट किसी काम के नहीं हैं.


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नमामि गंगे योजना में सरकारी धन का दुरुपयोग


साफ तौर पर नमामि गंगे योजना के नाम पर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है. आरोप है कि सुनियोजित तरीके से घाटों का निर्माण नहीं किया गया. गौरतलब है कि अलकनंदा और मन्दाकिनी का संगम स्थान होने के कारण हर साल हजारों की संख्या में तीर्थयात्री पहुंचते हैं, मगर घाटों की दुर्दशा को देखकर हैरत में रह जाते हैं. नगर पालिका सभासद सुरेन्द्र रावत ने कहा कि नमामि गंगे योजना के तहत रुद्रप्रयाग नगर क्षेत्र में बने सभी घाटों की दुर्दशा बनी हुई है. उन्होंने कहा कि घाटों का निर्माण सुनियोजित तरीके से नहीं हुआ है.


निर्माण कार्य में अधिकारियों की बंदरबांट से घाटों का लाभ नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने कहा कि बरसात में नदियों का जलस्तर कई गुना बढ़ जाता है. ऐसे में घाटों को नदी के नजदीक बनाना गलत था. उन्होंने आरोप लगाया कि परियोजना के तहत करोड़ों रुपये का घोटाला किया गया है. नमामि गंगे योजना के तहत घाटों के निर्माण पर 12 करोड़ की भारी भरकम धनराशि खर्च की गई. घाटों में टायल्स, रैलिंग, चैजिंग रूम, व्यू प्वाइंट, सोलर लाइटें लगाई गईं, मगर निर्माण के कुछ माह बाद बरसात में सबकुछ तबाह हो गया.


डीएम ने बरसात के बाद सौंदर्यीकरण का किया वादा


सोलर लाइटों से बैटरियां चोरी हो गई हैं, टायल्स और रैलिंग उखड़ गई हैं. घाटों की दुर्दशा होने के बावजूद सौन्दर्यीकरण की पहल नहीं की गई. जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि बरसात का मौसम खत्म होने पर घाटों के सौन्दर्यीकरण का आदेश दिया जायेगा. उन्होंने घाटों से मलबा और गंदगी को हटाने का भी वादा किया ताकि देश-विदेश श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों लाभ मिल सके.


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