प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज में एक ही परिवार के चार लोगों को उनके ही घर में बेरहमी से कत्ल किये जाने के मामले में पुलिस दो हफ्ते बाद भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है. पुलिस न तो अभी किसी को गिरफ्तार कर सकी है और न ही यह पता लगा सकी है कि एक ही परिवार के चार लोगों का कत्ल किसने और क्यों किया. अफसरों का कहना है कि इस मामले में कई एंगल पर छानबीन की जा रही है.


यह सनसनीखेज मर्डर मिस्ट्री सुलझने के बजाय और उलझती जा रही है. मामले के खुलासे के लिए दूसरे जिलों की पुलिस के साथ ही एसटीएफ की भी मदद ली जा रही है. पूरे परिवार की पिछले एक महीने की कॉल डिटेल्स भी निकाली जा रही हैं. प्रयागराज रेंज के आईजी केपी सिंह के मुताबिक इस मामले में शक के आधार पर एक होमगार्ड समेत कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई, लेकिन पुलिस और एसटीएफ के हाथ कोई सुराग नहीं लग सका है.


गौरतलब है कि, प्रयागराज के होलागढ़ इलाके के देवापुर गांव में 2 जुलाई की रात को एक ही परिवार के चार लोगों की उनके ही घर में हत्या कर दी गई थी. परिवार की एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई थी. उसकी हालत अब भी नाजुक बनी हुई है और वह बोलने की स्थिति में नहीं है. मौत के घाट उतारे गए लोगों में घर पर ही क्लीनिक चलाने वाले विमलेश पांडेय, इकलौते बेटे प्रिंस, दो बेटियों सृष्टि और श्रेया को धारदार हथियार से हमला किया गया था. विमलेश की पत्नी रचना पांडेय गंभीर रूप से जख्मी हुई थीं और उन्हें अब भी वेंटिलेटर पर रखा गया है. विमलेश और उनके परिवार की किसी से कोई रंजिश नहीं थी. उनके भाई ने अज्ञात लोगों के खिलाफ ही एफआईआर दर्ज कराई थी.



वारदात के बाद घर में रखा सामान बिखरा पड़ा था. इस मामले में पुलिस ने कई एंगल पर छानबीन की. पहले यह आशंका जताई गई कि यह वारदात लूट या फिर दुष्कर्म की वजह से अंजाम दी गई. लेकिन, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और घर की तलाशी के बाद ये दोनों थ्योरी फेल हो गईं. पुलिस ने शक के आधार पर कुछ लोगों को हिरासत में लिया, उनसे पूछताछ की, लेकिन दो हफ्ते का वक्त बीतने के बाद भी पुलिस के हाथ पूरी तरह खाली ही हैं. पुलिस सिर्फ हवा में ही हाथ-पैर मार सकी है.


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