Mahakumbh 2025: मुसलमानों के वक्फ बोर्ड की तरह हिंदुओं के लिए अलग सनातन बोर्ड गठित किए जाने की मांग को लेकर प्रयागराज के महाकुंभ में धर्म संसद आयोजित की जाएगी. साधु संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने धर्म संसद की तारीख का ऐलान कर दिया है. यह धर्म संसद गणतंत्र दिवस के दिन 26 जनवरी को संगम के तट पर आयोजित की जाएगी. धर्म संसद का आयोजन इस बार साधु संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की तरफ से किया जाएगा. 

इस धर्म संसद में अलग सनातन बोर्ड गठित किए जाने की मांग का प्रस्ताव पारित कर उसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा. धर्म संसद में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को भी गोरक्ष पीठाधीश्वर के तौर पर आमंत्रित किया जाएगा. इस धर्म संसद में सनातन बोर्ड के गठन के साथ ही कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी. धर्म संसद में काशी और मथुरा के साथ ही अजमेर व संभल जैसे हिंदुओं के पुराने धार्मिक स्थलों को मुक्त कराए जाने के प्रस्ताव पर भी चर्चा की जा सकती है. 

प्रयागराज महाकुंभ में धर्म संसद की तारीख का फैसला अखाड़ा परिषद की बैठक में लिया गया. तय किया गया कि जिस दिन देश का संविधान लागू हुआ, धर्म संसद उसी दिन आयोजित की जाएगी. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी के मुताबिक इस धर्म संसद में देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर के संत महात्माओं को बुलाया जाएगा. 

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कई राज्यों के सीएम को बुलाने की तैयारीउनके मुताबिक देश में हिंदुत्व काल की शुरुआत 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद हुई है. यह हिंदुत्व काल बना रहे, इसके लिए सनातन बोर्ड का गठन बेहद जरूरी है. उनका कहना है कि अगर देश में वक्फ बोर्ड बना हुआ है तो सनातन बोर्ड गठित किए जाने में किसी को ऐतराज नहीं होना चाहिए. 

महंत रवींद्र पुरी के मुताबिक सनातनियों को पीएम नरेंद्र मोदी पर पूरा भरोसा है, ऐसे में इस बात की पूरी उम्मीद है कि प्रयागराज महाकुंभ में धर्म संसद के जरिए अलग सनातन बोर्ड के गठन की जो मांग की जाएगी उसे पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार जरूर पूरा करेगी. स्वामी बालकानंद गिरि, निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी महेशानंद गिरि और निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर गुरु मां आनंदमई पुरी के मुताबिक, सीएम के अलावा इस धर्म संसद के लिए देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र सरकार के प्रतिनिधि को भी बुलाया जाएगा, ताकि वह लोग भी संत महात्माओं की मांग पर सहमति जताते हुए केंद्र की मोदी सरकार से सनातन बोर्ड गठित किए जाने की मांग के पूरा होने में अपना योगदान दें.