लखनऊ: गाजीपुर पुलिस ने रेडियोएक्टिव मेटल कैलिफोर्नियम के साथ 8 लोगों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए लोगों के पास से 340 ग्राम कैलिफोर्नियम मिलने की बात सामने आ रही है. पुलिस का कहना है कि पकड़े गए लोग रेडियोएक्टिव पदार्थ कैलिफोर्नियम की तस्करी करते थे. तस्करों को जेल भेजने के साथ ही पुलिस ने संदिग्ध रेडियोएक्टिव पदार्थ कैलिफोर्नियम के सैंपल जांच के लिए आईआईटी कानपुर भेजे हैं. कैलिफोर्नियम बेहद महंगा मेटल है. एक ग्राम कैलिफोर्नियम की कीमत 16 करोड़ 20 लाख रुपये है. 


इन सवालों के जवाब तलाश रही है पुलिस 
पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर ने बताया कि कैलिफोर्नियम की तस्करी करने वाले लोगों को पॉलिटेक्निक चौराहा के पास से उस वक्त पकड़ा गया जब ये लोग रेडियोएक्टिव मेटल का सौदा करने किसी के पास जा रहे थे. उन्होंने बताया की कैलिफोर्नियम बिहार से लाया गया था. गिरफ्त में आए तस्कर कृष्णानगर की एलडीए कॉलोनी में रहने वाले अभिषेक चक्रवर्ती का कहना है कि उसने शशिलेश राय नाम के शख्स से रेडियोएक्टिव मेटल छीना था. शशिलेश राय कौन है? उसके पास रेडियोएक्टिव पदार्थ कैलिफोर्नियम कहां से आया? शशिलेश के पास इस रेडियोएक्टिव पदार्थ का क्या इस्तेमाल था? क्या वो रेडियोएक्टिव पदार्थ किसी को बेचने के लिए लाया था? अभिषेक चक्रवर्ती का शशिलेश से कैसे संपर्क हुआ? अखिलेश रेडियोएक्टिव पदार्थ किसे बेचने जा रहा था? इन सवालों के जवाब तलाशे जा रहे हैं.


इन लोगों को किया गया गिरफ्तार
कृष्णानगर की एलडीए कॉलोनी में रहने वाले अभिषेक चक्रवर्ती, बिहार के नेवादा का महेश कुमार, पटना का रविशंकर, लखनऊ के कृष्णानगर इलाके का अमित कुमार सिंह, बाजारखाला निवासी शीतल गुप्ता उर्फ राज गुप्ता, बस्ती के हरीश चौधरी, रमेश तिवारी और श्याम सुंदर को पकड़ा गया है. 


आम आदमी नहीं कर सकता कैलिफोर्नियम की खरीद-फरोख्त
देश में आम आदमी रेडियोएक्टिव पदार्थ कैलिफोर्नियम की खरीद-फरोख्त नहीं कर सकता है. अत्यंत महंगा ये रेडियोएक्टिव पदार्थ सिर्फ लाइसेंसधारी ही बेच सकते हैं. देश में मुंबई स्थित भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर से ही कैलिफोर्नियम मिलता है. 


कैंसर के उपचार में आता है काम 
कैलिफोर्नियम कैंसर के उपचार और इंडस्ट्रियल फील्ड में काम आता है. मेडिकल फील्ड में इसका इस्तेमाल कैंसर मरीजों और एक्स-रे मशीनों में होता है. इंडस्ट्रियल फील्ड में तेल के कुओं में पानी और तेल की लेयर का पता लगाने, गोल्ड और सिल्वर के डिटेक्शन के अलावा पोर्टेबल मेटल डिटेक्टर में इसका इस्तेमाल किया जाता है. 


साबुन की तरह होता है, ब्लेड से काट सकते हैं
रेडियो एक्टिव पदार्थ कैलिफोर्नियम सिंथेटिक होता है. इसका रंग चांदी जैसा होता है. कैलिफोर्नियम साबुन की तरह होता है जिसे ब्लेड से काटकर टुकड़ों में कर सकते हैं.


विश्व में हर साल आधा ग्राम कैलिफोर्नियम होता है
कैलिफोर्नियम की दुर्लभता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि विश्व में इसका प्रोडक्शन हर साल मात्र आधा ग्राम ही होता है. शायद यही वजह है जो एक ग्राम कैलिफोर्निया की कीमत 16 करोड़ से भी अधिक है.


इंसानों और पशु-पक्षियों के लिए जानलेवा है कैलिफोर्नियम
कैलिफोर्नियम एक खतरनाक रेडियोएक्टिव मेटल है जो इंसानों के साथ ही पशु-पक्षियों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है. इसके संपर्क में आने से कैंसर हो सकता है. शरीर की प्रतिरोधक क्षमता नष्ट हो सकती है. ल्यूकोमिया और मिसकैरिज जैसी समस्याएं सामने आ सकती हैं. कैलिफोर्नियम प्रजनन क्षमता पर भी असर डालता है. 


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