Agrasen Height Apartment: सीतापुर रोड के मोहिबुल्लापुर में सरकारी जमीन कब्जा कर बनाये गए अग्रसेन हाइट अपार्टमेंट (Agrasen Height Apartment) का एलडीए (LDA) ने नक्शा निरस्त कर दिया. बताया जा रहा है की जिस जमीन पर ये अपार्टमेंट बने हैं उसमे 90 फीसदी सरकारी जमीन है. जमीन की कीमत का अनुमान 100 करोड़ रुपये लगाया जा रहा है. वहीं एलडीए के इस फैसले से इस अपार्टमेंट में लाखों रुपये के फ्लैट खरीदकर रहने वालों में हड़कंप मच गया है. आवंटियों का कहना है कि जब एलडीए ने नक्शा पास किया था तब क्यों नहीं देखा की जमीन किसकी है. अगर नक्शा पास ना होता तो कोई फ्लैट खरीदकर नहीं फंसता.


70 से अधिक फ्लैट बिक चुके हैं


अग्रसेन हाइट्स अपार्टमेंट के आवंटियों ने बताया की यहां दो ब्लाक में मिलाकर कुल 95 फ्लैट हैं जिसमे से 70 से अधिक बिक चुके और लोग रह रहे हैं. अब बड़ा सवाल है की अपार्टमेंट का नक्शा निरस्त होने के बाद यहां फ्लैट खरीदने वालों का क्या होगा. एलडीए के फैसले से यहां सालों से रह रहे आवंटियों में हड़कंप मचा हुआ है. यहां के निवासियों का कहना है कि अपने जीवन भर की जमापूंजी लगा दी यहां तक की बैंक के लोन भी हैं. जब फ्लैट लिया तो एलडीए की अनुमति के कागज देखकर ही लिया. अब नक्शा निरस्त क्यों किया गया?


आवंटियों का कहना है कि अगर जमीन को लेकर कुछ गड़बड़ी थी तो उन अधिकारियों, कर्मचारियों पर कार्रवाई हो जिन्होंने नक्शा पास किया. नक्शा पास ना होता, एलडीए का कंप्लीशन सर्टिफिकेट ना होता तो हम यहां कभी फ्लैट नहीं लेते. एलडीए ने 17 फरवरी 2006 को श्रीराम औतार अग्रवाल को इस जमीन पर अपार्टमेंट के लिए नक्शा पास किया था. इसके बाद 30 जून 2016 को इस बिल्डिंग का कंप्लीशन सर्टिफिकेट भी एलडीए ने जारी किया.


एलडीए ने ये बात कही


अग्रसेन हाइट्स अपार्टमेंट का नक्शा निरस्त किये जाने पर एलडीए वीसी डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने कहा कि इसमें काफी शिकायतों के बाद करीब 1 साल से सुनवाई और बाकी प्रक्रिया चल रही थी. बिल्डर को भी पक्ष रखन का मौका दिया गया. इसमें पाया गया कि यह अर्बन सीलिंग की लैंड थी जो एलडीए को मिलनी चाहिए थी. अर्बन सीलिंग की लैंड में तथ्यों को छुपाकर नक्शा पास कराया गया. नक्शा पास कराने के बाद अर्बन सीलिंग लैंड का अमलदरामद कराया गया. उस समय ये लैंड एलडीए के कागजों में दर्ज नहीं थी. बाद में मामला सामने आया कि तथ्य छुपा कर नक्शा पास कराया गया है. इसमें अलग से जांच कराई जा रही है कि आखिर क्यों सरप्लस लैंड को पहले ट्रैक नहीं कर पाए? क्यों अमलदरामद बाद में कराया गया?


एलडीए ने कहा कि इसमें जो भी जिम्मेदार होंगे उनपर कार्रवायी होगी. एलडीए वीसी ने कहा कि इसमें विधिक परिशीलन कराया जा रहा है. पता चला है कोर्ट में भी इससे जुड़ा मामला चल रहा है. आवंटियों के हित का ध्यान रखा जाएगा. बहरहाल इस पूरे मामले ने एक बार फिर एलडीए के भ्रष्टतंत्र की परतें खोल कर रख दी. एलडीए के इस भ्रष्टतंत्र का खामियाजा आम आदमी को ही भुगतना पड़ता है. अब देखना होगा कि इस मामले में आवंटियों के हित का कैसे ध्यान रखा जाता है.


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