Lok Sabha Elections 2024: समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव इस बार लोकसभा चुनाव में नई रणनीति के साथ उतरे हैं. जहां इस बार वो लगातार पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) का दम भरते दिख रहे है तो वहीं दूसरी तरफ अब वो पुराने नेताओं पर भी भरोसा जताते नहीं दिख नहीं दिख रहे. यूपी में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों की सूची में इसकी साफ झलक देखी जा सकती है. 


सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 2019 के मुकाबले इस बार अपनी रणनीति बदली है. जहां पिछले चुनाव में सपा ने यादवों पर ज्यादा भरोसा जताया था तो वहीं इस बार उनकी सूची में कई नए चेहरे देखने को मिल रहे हैं. सपा प्रत्याशियों के नामों में पीडीए की साफ झलक देखी जा सकती है. सपा ने मुस्लिम और यादवों से ज्यादा इस बार कुर्मी, पटेल और पासी प्रत्याशियों को टिकट दिया है. 


अखिलेश यादव ने बदली रणनीति
सपा के उम्मीदवारों की लिस्ट पर नजर डाले तो साल 2019 में जहां समाजवादी पार्टी ने सबसे ज़्यादा 27 फीसद यादव प्रत्याशियों को टिकट दिया था जबकि 11 फीसद मुस्लिम उम्मीदवार उतारे गए थे. इनके अलावा कुर्मी, पटेल, पासी और निषाद समाज से 8 फीसद टिकट दिए थे. ब्राह्णण, ठाकुर और वैश्य समाज से 2-2 उम्मीदवारों को उतारते हुए पांच फ़ीसद ही प्रतिनिधित्व दिया गया था. 


2024 के चुनाव में अखिलेश यादव ने अपनी रणनीति बदली और सभी समाजों को जोड़ने को कोशिश की है.इस बार सपा ने सबसे ज़्यादा कुर्मी, पटेल को 16 प्रतिशत, पासी को 11 प्रतिशत, कुशवाहा, सैनी, शाक्य, जाटव समाज से 10-10 प्रतिशत, निषाद और यादवों को आठ-आठ फीसद, मुस्लिम-ब्राह्मणों को 4-4 और ठाकुर, वैश्य, खत्री और जाट समाज के उम्मीदवारों को 3-3 फीसद टिकट दिया है. 


इनके अलावा सपा ने वाल्मीकि, गुर्जर, राजभर, भूमिहार, पाल और लोधी समाज से एक-एक उम्मीदवार उतारे हैं. जबकि 2019 लोधी, कायस्थ, जाटव, कुशवाहा, नोनियां, चौहान, धानुक, कोल और वाल्मीकि समाज से एक-एक उम्मीदवार को ही उतारा था. 


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