Jalaun News: जालौन में डीएम के रडार पर आए खनन माफिया, बड़े एक्शन में SDM पर गिरी गाज, जांच के दिए आदेश
बुंदेलखंड (Bundelkhand) के जालौन (Jalaun) में यूपी-एमपी बॉर्डर पास भिंड (Bhind) से अवैध खनन के मामले में डीएम ने बड़ा एक्शन लिया है. अब माधौगढ़ के SDM को हटाने के बाद जांच के आदेश दे दिए गए हैं.
UP News: हरियाणा (Haryana) में खनन माफियाओं द्वारा डिप्टी एसपी सुरेन्द्र सिंह (DSP Surendra Murder) की निर्मम हत्या के बाद खनन बाहुल्य इलाके रडार पर हैं. खनन माफियाओं से सांठगांठ रखने वाले अधिकारियों पर भी शासन के निर्देशों पर कार्रवाई की जा रही है. बुंदेलखंड (Bundelkhand) के जालौन (Jalaun) में यूपी-एमपी बॉर्डर पर बसे इलाके माधौगढ़ (Madhogarh) में पिछले कई दिनों से मध्य प्रदेश के भिंड (Bhind) से अवैध तरीके से मौरंग और गिट्टी का अवैध परिवहन किया जा रहा था. जिसमें लोकेशन माफियाओं के माध्यम से गुप्त रूप के माध्यम से सरकारी कर्मचारी अवैध वसूली करके इस काम को करा रहे थे. जिसमे उनकी भूमिका संदिग्ध पाई गई.
कैसे हुआ खुलासा
शासन से आये दिशानिर्देशों पर अधिकारी हरकत में आये. जिसके बाद डीएम जालौन चांदनी सिंह ने माधौगढ़ एसडीएम और कोतवाल को तत्काल प्रभाव से हटाते हुए जांच कमेटी गठित कर स्पष्टीकरण मांगा है. इस मामले की जांच शुरू करा दी है. जिससे आगे और भी कार्रवाई की जा सके. गोपनीय तौर पर जांच करने पहुंचे डीएम चांदनी सिंह और एसपी रवि कुमार ने माधौगढ़ स्थित पेट्रोल पंप पर लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले और इलाके में लगे अन्य सीसीटीवी कैमरों को खंगाला. जिसमें दूध का दूध पानी का पानी हो गया.
ये हुआ एक्शन
जांच में पाया गया कि माधौगढ़ एसडीएम पुष्कर नाथ चौधरी और माधौगढ़ कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अजय अवस्थी द्वारा खनन माफियायों के प्रति शिथिलता बरती गई. खनन माफियाओं के साथ साठ-गाठ में लिप्तता भी जाहिर हुई. जिस पर एसडीएम पुष्कर नाथ चौधरी और कोतवाल अजय कुमार अवस्थी के खिलाफ डीएम-एसपी ने कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से हटा दिया है. साथ ही उनसे स्पष्टीकरण भी मांगा गया है. इस मामले में एक जांच समिति भी गठित की गई है. जो मौके पर जाकर इस पूरे मामले की जांच करेगी. जिससे यह पता चल सके कि किस प्रकार की गतिविधियां पिछले कई दिनों से हो रही हैं.
इस पूरे मामले को लेकर डीएम जालौन चांदनी सिंह ने बताया कि इस मामले में बहुत ही सख्ती से कार्रवाई की जाएगी. किसी प्रकार की अवैध वसूली की गई होगी और किसी भी सरकारी कर्मचारी की संलिप्तता पाई गई होगी तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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