Gyanvapi ASI Survey: ज्ञानवापी परिसर मामले में राखी सिंह की तरफ से एक और प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया है जिसमें दो शेष बचे तहखाना में ASI सर्वे की मांग की गई है. इसको लेकर वाराणसी जिला अदालत में सुनवाई हुई. प्रभारी जिला जज अनिल कुमार पंचम की अदालत में दोनों पक्षों ने अपनी अपनी दलील रखी. जहां हिंदू पक्ष ने और भी बेहतर साक्ष्य व प्रमाण के आधार को देखते हुए दो शेष तहखानों की ASI सर्वे मांग को आवश्यक बताया वहीं मुस्लिम पक्ष की तरफ से इस पर आपत्ति जताई गई. हालांकि जिला अदालत ने दोनों पक्षों की दलील को सुनने के बाद इस मामले में 15 फ़रवरी की तारीख तय की है.


इस मामले में अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने एबीपी लाइव से बातचीत में बताया कि ज्ञानवापी परिसर के सभी तहखानों में अभी दो तहखाने का एएसआई सर्वे नहीं हुआ हैं, जिसमें S-1 और N-1 तहखाना शामिल है.  यहां पर पहले से लगे ईंट पत्थर की वजह से प्रवेश नहीं हो सका और इसकी वजह से ज्ञानवापी परिसर का यह क्षेत्र ASI सर्वे से वंचित रहा. इसके अलावा भी परिसर में अन्य क्षेत्र हैं जहां पर ASI सर्वे नहीं हुआ है. इसलिए हमने वाराणसी जिला अदालत से यह मांग की है कि वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर स्थित इन क्षेत्रों में भी एएसआई सर्वे कराया जाए.


दोनों पक्षों ने कोर्ट में रखीं दलीलें
हाईकोर्ट के अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने कहा, इस मामले में दोनों पक्षों की दलील को अदालत ने गंभीरता पूर्वक सुना. हमारा स्पष्ट मानना है कि ज्ञानवापी परिसर के सही साक्ष्य और प्रमाण देश के समक्ष आने चाहिए और इसलिए पूरे परिसर का ASI सर्वे होना आवश्यक है.  ज्ञानवापी परिसर के प्राचीन इतिहास से जुड़े सभी साक्ष्य और प्रमाण को और बेहतर तरीके से सामने लाने के लिए हमने सभी बचें हुए शेष जगह के ASI सर्वे की मांग की हैं. 


मुस्लिम पक्ष की तरफ से इस मामले को लेकर आपत्ति जताई गई है. दोनों पक्षों की बातों को सुनने के बाद अदालत ने इस मामले में अगली तारीख 15 फरवरी निर्धारित की है. इसके अलावा वाराणसी जिला कोर्ट के तहखाना मामले में नियमित पूजा पाठ आदेश को लेकर हाईकोर्ट में भी मुस्लिम पक्ष की आपत्ति पर सुनवाई जारी है.


Lok Sabha Elections 2024: यूपी की इन तीन सीटों के चलते फंस गया सपा- आरएलडी गठजोड़? अखिलेश यादव इनको लड़ाना चाहते हैं चुनाव