UP Lok Sabha Chunav 2024: गाजीपुर में इंडिया गठबंधन से प्रत्याशी अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) की गैंगेस्टर मामले में सुनवाई चल रही है. बुधवार को भी इस मामले में सुनवाई होनी है. गैंगेस्टर के मामले में अफजाल अंसारी को गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट से चार साल की सजा हुई थी. अफजाल अंसारी ने सजा के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील की थी. हाइकोर्ट का इस मामले में जो निर्णय आयेगा उस पर ही अफजाल अंसारी के राजनीतिक भविष्य का भी निर्णय तय होगा.


गाजीपुर लोकसभा सीट के लिए में 1 जून को चुनाव होना है और इससे पहले हाइकोर्ट का निर्णय आ जाता है. यदि हाईकोर्ट से अफजाल अंसारी को राहत मिल जाती है तब तो उनके चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो जायेगा लेकिन उनकी सजा को हाइकोर्ट बरकरार रखता है तब उनके लिये चुनाव लड़ना मुश्किल हो जायेगा. ऐसी स्थिति में अफजाल अंसारी के पास सिर्फ एक ही आप्शन होगा कि वो अपनी बेटी नुसरत अंसारी के लिये वोट करने की अपील जनता से करें.अफजाल अंसारी चुनाव नहीं लड़ पाते हैं तो गाजीपुर से सपा का कोई अधिकृत प्रत्याशी मैदान में नहीं होगा. अफजाल अंसारी मामले को लेकर चर्चाओंका बाजार भी गरम है कि अगर हाईकोर्ट सजा बरकरार रखता है तो बीजेपी और बीएसपी को सपा टक्कर देगी या फिर निर्दलीय प्रत्याशी? 


बेटी नुसरत अंसारी को लड़ाया निर्दलीय चुनाव
अफजाल अंसारी राजनीति के मझे हुए खिलाड़ी हैं और उनको बखूबी इस बात का अंदाजा था कि उनके चुनाव लड़ने में कानूनी पेंच फस सकता है. यही वजह है कि वो अपनी बेटी नुसरत अंसारी के लिये पहले ही मैदान तैयार कर चुके हैं. गाजीपुर की जनता के लिये नुसरत अंसारी अब नया नाम नहीं है. नुसरत ने अप्रैल माह के अंतिम सप्ताह से अपने पिता अफजाल अंसारी के लिये चुनाव प्रचार शुरू किया था. एक मई को सपा कार्यालय पर हुई इंडिया गठबंधन की बैठक में अफजाल अंसारी ने नुसरत को लांच करते हुए इस बात को साफ कर दिया था कि कानूनी अड़चनों की वजह से वो चुनाव नहीं लड़ पाये तो वो अपनी बेटी को ही अपनी राजनीतिक विरासत सौपेंगे.


सपा प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भी अफजाल अंसारी और नुसरत दोनों लोगों ने किया था लेकिन नुसरत के सपा से भरे गये दोनों सेट के पर्चे खारिज हो गये और अब वो निर्दल प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में हैं जबकि अफजाल अंसारी सपा के अधिकृत प्रत्याशी हैं. तकनीकी रूप से देखा जाये तो अफ़जाल अंसारी और नुसरत अंसारी एक-दूसरे के खिलाफ मैदान में हैं. गैंगेस्टर मामले की वजह से असमंजस की स्थिति अभी भी बनी हुई है कि आखिर में अफजाल अंसारी खुद चुनाव मैदान में होंगे या चुनाव से खुद को अलग कर अपनी बेटी को सपोर्ट करेंगे. फिलहाल हाइकोर्ट के निर्णय के बाद ही स्थितियां साफ हो पायेंगी.


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