बुलंदशहर, एबीपी गंगा। परिवार ने जिसकी लाश की पहचान कर उसे मरा बता दिया था, वह अब जिंदा मिली है. मामला बुलंदशहर का है. इतना ही नहीं लाश मिलने पर तीन लोगों को जेल भी जाना पड़ा. लेकिन जब महिला को पता चला कि उसे मृ घोषित कर दिया है तो वह लौट आई है.


दरअसल, हुआ यूं कि गाजियाबाद के इस्माइल ने 23 जुलाई को पुलिस को अपनी पत्नी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दी. इसके बाद 27 जुलाई को पुलिस को गाजियाबाद के साहिबाबाद इलाके में एक सूटकेस में युवती की लाश मिली. जिस पर इस्माइल से तस्दीक करवाई तो उसने मृतका की पहचान अपनी पत्नी वरिषा के रूप में की. गाजियाबाद पुलिस इसके बाद महिला के परिजनों के पास पहुंची. जिसके बाद बूंदो देवी ने मृतका की पहचान अपनी बेटी के रूप में की. साथ ही भाई ने भी पुष्टि की.


इन सबकी शिनाख्त को सही मानकर पुलिस ने मृतका का शव परिजनों को सौंप दिया. जिसका बाद में विधिपूर्वक अंतिम संस्कार कर दिया गया. उधर, जब महिला को पता चला तो वह सीधे अपने मायके पहुंची. उधर, पुलिस को पता लगा कि जिस महिला को मरा मान लिया है वह जिंदा है और अलीगढ़ में है. पुलिस अलीगढ़ पहुंची और महिला को ले आई.


जिसके बाद वरिशा ने पूरी आपबीती बताई. वरिशा ने बताया कि एक जुलाई को अपने मायके गई थी. फिर 17 जुलाई को मायके से ससुराल आ गई. यहां आने पर सास जमीला, पति आरिफ ने उस पर जेवर चोरी के आरोप लगा दिए. इसके बाद 22 जुलाई को ससुरालवालों ने उसे पीटा. जिसके बाद वह हत्या के डर से वह 23 जुलाई की सुबह घर से निकल गई. फिर वह नोएडा पहुंचकर एक कंपनी में काम करने लगी. रविवार को उसे पता लगा कि ससुरालवालों ने उसे मृत समझ लिया है. जिसके बाद वह अपने मायके पहुंची। यहां उसने अलीगढ़ पुलिस को जानकारी दी. जिसके बाद मामला का खुलासा हुआ.


वहीं, एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि अब जरूरत पड़ी तो महिला का डीएनए टेस्ट होगा. साथ ही पुलिस ये भी पता लगाएगी कि सूटकेस में मिली लाश किसकी थी. एसएसपी ने कहा कि पूरे मामले में अब नया मोड़ आ गया है. वरिशा जिंदा है, अब वरिशा के भाई की ओर से दर्ज कराए मुकदमे से दहेज हत्या की धारा हटाई जाएगी.


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