BJP Jan Ashirwad Yatra: उत्तर प्रदेश में होने वाले 2022 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में उत्तर प्रदेश को तवज्जो दी गई. प्रदेश से आने वाले 7 सांसदों को मंत्रिमंडल में जगह मिली और अब ये नए मंत्री 16 अगस्त से पूरे प्रदेश में जन आशीर्वाद यात्रा पर निकलेंगे. जिसके जरिए बीजेपी की कोशिश है कि 120 विधानसभा क्षेत्रों और 35 लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव से पहले पार्टी के पक्ष में माहौल बनाया जाए. इस जन आशीर्वाद यात्रा के जरिए बीजेपी उस खास वोट बैंक को भी साधने की कोशिश में है जिनसे चुनकर ये जनप्रतिनिधि आते हैं. तो चलिए आपको बताते हैं कि आखिर इस 3500 किलोमीटर की जन आशीर्वाद यात्रा में कौन कहां और कब जाएगा.


मंत्रिमंडल विस्तार में दिखा था यूपी का दबदबा 
बीते जुलाई महीने में जब मोदी सरकार का पहला मंत्रिमंडल विस्तार हुआ तब उसमें उत्तर प्रदेश का दबदबा देखने को मिला, हालांकि इसके पीछे एक बड़ी वजह साल 2022 में होने वाली यूपी के विधानसभा चुनाव भी रहे. उत्तर प्रदेश से आने वाले लोकसभा और राज्यसभा के 7 सदस्यों को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिली. इन लोगों को मोदी सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री अलग-अलग विभागों में बनाया गया. जो 7 नए मंत्री बनाए गए उनमें महाराजगंज के सांसद पंकज चौधरी, जालौन से सांसद भानु प्रताप सिंह वर्मा, राज्यसभा सदस्य बीएल वर्मा, मिर्जापुर से अपना दल की सांसद अनुप्रिया पटेल, आगरा से सांसद एसपी सिंह बघेल, लखीमपुर से सांसद अजय मिश्र टेनी, मोहनलालगंज से सांसद कौशल किशोर शामिल हैं. 


सौंपी गई है खास जिम्मेदारी
मंत्री बनाए जाने के बाद इन्हें एक खास टास्क सौंपा गया है और वो टास्क है अपने क्षेत्र से और अपनी बिरादरी के लोगों को चुनाव से पहले पार्टी के साथ जोड़ने का. इसीलिए पूरे प्रदेश में 16 अगस्त से ये 7 मंत्री जन आशीर्वाद यात्रा पर निकलेंगे. ये पूरी यात्रा तकरीबन 3500 किलोमीटर की होगी. जिसमें लगभग 120 विधानसभा क्षेत्र और 30 से ज्यादा लोकसभा क्षेत्र आएंगे. यानी ये मंत्री अपने क्षेत्र में तो जाएंगे ही लेकिन खासतौर से उन विधानसभा क्षेत्रों में भी जाएंगे जहां उनकी अच्छी पकड़ है और जहां उनकी जाति का वोट बैंक भी मजबूत है.


ये है पूरी यात्रा की रोडमैप
आइए आपको बताते हैं कि आखिर कौन किस दिन कहां से इस जन आशीर्वाद यात्रा की शुरुआत करेगा. पहले बात करते हैं राज्यसभा सदस्य और केंद्रीय राज्य मंत्री बीएल वर्मा की. उनकी जन आशीर्वाद यात्रा 16 अगस्त को वृंदावन मथुरा से प्रारंभ होगी. मथुरा जिला व महानगर की विधानसभाओं से होते हुए आगरा जिला, आगरा महानगर, गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर, बुलंदशहर से होते हुए ये जन आशीर्वाद यात्रा 19 अगस्त को बदायूं में समाप्त होगी. अब बात करते हैं आगरा से सांसद और केंद्रीय राज्यमंत्री एस पी सिंह बघेल की उनकी यात्रा फिरोजाबाद से 18 अगस्त को शुरू होगी. आगरा होते मथुरा में 19 अगस्त को इसका समापन होगा. वहीं, केंद्रीय राज्य मंत्री भानु प्रताप वर्मा जनता का आशीर्वाद लेने के लिए 17 अगस्त को ललितपुर से जन आशीर्वाद यात्रा प्रारंभ करेंगे फिर झांसी, महोबा, बांदा, चित्रकूट होते हुए 19 अगस्त को फतेहपुर पहुंचेंगे जहां यात्रा का समापन होगा. केंद्रीय राज्य मंत्री कौशल किशोर 16 अगस्त की सुबह चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट लखनऊ पहुंचेंगे फिर मोहान उन्नाव से जन आशीर्वाद यात्रा का शुभारंभ करेंगे उन्नाव रायबरेली बाराबंकी होते हुए 18 अगस्त को सीतापुर में ये जन आशीर्वाद यात्रा समाप्त होगी. जबकि, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी भी 16 अगस्त की सुबह चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट लखनऊ पहुंचेंगे फिर संडीला हरदोई से अपनी जन आशीर्वाद यात्रा का शुभारंभ करेंगे. हरदोई, लखीमपुर, बहराइच, गोंडा, अयोध्या होते हुए 19 अगस्त को अम्बेडकर नगर में यात्रा का समापन होगा. वहीं, मिर्जापुर की सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल 18 अगस्त को प्रयागराज से अपनी जन आशीर्वाद यात्रा शुरू करेंगी और यात्रा का समापन 19 अगस्त को मिर्जापुर में होगा. जबकि, केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी भी 16 अगस्त को ही सुबह लखनऊ पहुचेंगे. बाराबंकी अयोध्या होते हुए बस्ती पहुंचकर यात्रा का शुभारंभ करेंगे बस्ती, सिद्धार्थनगर होते हुए 18 अगस्त को महराजगंज में ये जन आशीर्वाद यात्रा समाप्त होगी. 


जनता के बीच पहुंचाएंगे सरकार के काम 
जन आशीर्वाद यात्रा के जरिए एक तरफ जहां ये मंत्री केंद्र सरकार और राज्य सरकार के अब तक के कामों को जनता के बीच पहुंचाएंगे तो वहीं कहीं ना कहीं चुनाव से पहले बीजेपी के लिए एक रोडमैप तैयार करेंगे. पार्टी के प्रवक्ता कहते हैं कि दरअसल उत्तर प्रदेश से आने वाले इन सांसदों को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिली है और कहीं ना कहीं उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व केंद्रीय मंत्रिमंडल में बड़ा है इसीलिए ये जनता का आशीर्वाद लेने के लिए निकलेंगे और सरकार की उपलब्धियों को भी लोगों को बताएंगे. पार्टी के प्रवक्ता इस बात से इनकार करते हैं कि इस जन आशीर्वाद यात्रा के पीछे चुनाव के लिए कहीं कोई वोट बैंक साधना है.


2022 के चुनाव की है तैयारी
बीजेपी की कोशिश है कि जिस क्षेत्र से ये सांसद आते हैं कम से कम उन क्षेत्रों में तो पार्टी जन आशीर्वाद रैली के जरिए 2022 के चुनाव से पहले अपनी सियासी पिच तैयार कर सके, जिससे इसका फायदा आने वाले चुनाव में सरकार और संगठन को मिल सके. लोकतंत्र में जनता ही जनार्दन होती है और जनता अपना आशीर्वाद किसे देगी इसका पता तो चुनाव के बाद ही चलेगा. 



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